Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

DGP दिलबाग सिंह ने स्वीकारा, कश्मीर में विदेशी आतंकी बने खतरा

हमें फॉलो करें DGP दिलबाग सिंह ने स्वीकारा, कश्मीर में विदेशी आतंकी बने खतरा
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023 (20:16 IST)
Dilbag Singh: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) की स्वीकारोक्ति है कि कश्मीर में विदेशी आतंकियों (foreign terrorists) की संख्या अभी भी चिंताजनक है। कश्मीर में इस साल अभी तक 40 से ज्यादा विदेशी आतंकियों के मारे जाने के बावजूद वे शांति के लिए खतरा बने हुए हैं, क्योंकि बताया जा रहा है 150 से ज्यादा अभी भी कश्मीर में एक्टिव हैं।
 
इन विदेशी आतंकियों के प्रति सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वे कहां से आ रहे हैं, क्योंकि सेना कहती है कि घुसपैठ पूरी तरह से रोक दी गई है जबकि पुलिस दावा करती थी कि घुसपैठ में सिर्फ कमी आई है।
 
दिलबाग सिंह की स्वीकारोक्ति : पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह की स्वीकारोक्ति है कि कश्मीर में विदेशी आतंकियों की संख्या अभी भी चिंताजनक है, पर वे इस सवाल का जवाब नहीं दे पाते थे कि आखिर वे कहां से आ रहे हैं? दरअसल एलओसी के उन घुसपैठ के रास्तों को पूरी तरह से पाट पाना असंभव ही है, जो गहरी खाइयों और नदियों से गुजरते हैं तथा जहां बर्फबारी हमेशा ही तारबंदी को नुकसान पहुंचा रही है।
 
अत्याधुनिक उपकरण से कामयाबी : ऐसे में सेना के दावों पर पर भी प्रश्नचिन्ह लगता था जिसमें अक्सर कहा जा रहा है कि उस पार से घुसपैठ शून्य हो चुकी है। हालांकि उस पार से आने वाले अधिकतर घुसपैठियों को अब तारबंदी को पार करने से पहले ही मार गिराने में अत्याधुनिक उपकरण कामयाबी दिला रहे हैं।
 
फिलहाल इसके प्रति कोई ठोस जानकारी नहीं है कि कितने विदेशी आतंकी कश्मीर में एक्टिव हैं? पर अंदाजा 150 से 200 का लगाया जा रहा है। इनके प्रति अब यह भी कहा जाने लगा है कि ये नेपाल समेत अन्य रास्तों से भी कश्मीर पहुंच रहे हैं, जहां उन्हें बाद में तबाही मचाने के इरादों से हथियार व गोला-बारूद मुहैया करवाया जा रहा है।
 
विदेशी आतंकियों के प्रति एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि मुठभेड़ों के दौरान विदेशी आतंकियों को सरेंडर के लिए मनाना सुरक्षाबलों की प्राथमिकता कभी नहीं रही है। वे दबे स्वर में इसे बोझ मानते हैं अत: वे उन्हें मार गिराने की कवायद को आगे बढ़ा रहे हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Jammu and Kashmir : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 33 माह में गालब्लैडर की बीमारियों पर खर्च हुए 220 करोड़ रुपए