यातायात नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि गांदरबल जिले के कचेरवन में सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण श्रीनगर-लेह मार्ग पर यातायात अगले आदेश तक रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि आधी रात को बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बादल फटने से आई बाढ़ के कारण कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा है। जरूरतमंद लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए प्राधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
राजमार्ग बंद होने के कारण कश्मीर घाटी का संपर्क लद्दाख से कट गया है और अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर तक संपर्क सुविधा भी बाधित हो गई है।
बादल फटना किसे कहते हैं : बादल फटना (Cloud Burst) बारिश का एक चरम रूप (Extreme form of Rain) है। इस घटना में भारी बारिश के साथ कभी-कभी गरज के साथ ओले भी पड़ते हैं। दरअसल, 'बादल फटना' मुहावरा बहुत तेज बारिश के लिए भी किया जाता है। इस तरह की बारिश जहां भी होती है तबाही लाती है।
जब घंटे भर में 100 मिलीमीटर तक बारिश हो जाती है। तो इसे बादल फटना कहते हैं। बादल फटने के कारण बहुत ही कम समय में इतनी बारिश होती है कि संबंधित इलाके में बाढ़ जैसी उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
क्यों होती हैं बादल फटने की घटनाएं : मौसम विज्ञान के मुताबिक जब बादल भारी मात्रा में आर्द्रता यानी पानी लेकर आसमान में चलते हैं और इस दौरान उनकी राह में कोई अवरोध उत्पन्न हो जाता है तो वे अचानक फट जाते हैं। संघनन या दबाव (Condensation) बहुत तेजी से होता है। ऐसी स्थिति में एक सीमित इलाके में भारी से भी भारी बारिश होती है। इससे क्षेत्र में तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है। (वेबदुनिया/भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta