वर्ष 2022 में 30 अगस्त जैन धर्मावलंबियों का सबसे खास पर्व त्रिलोक तीज या रोटी तीज व्रत (Roti teejeej festival) मनाया जाएगा। यह प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तीज को मनाया जाता है। यह पर्व दिगंबर जैन परंपरा (Digambar Jain Samaj)का खास हिस्सा होने के कारण इसे दिगंबर धर्म के अनुयायी बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।
इस दिन सभी जैन घरों में रोट, खीर और तुरई की सब्जी बनाई और खाई जाती है, आओ जानते हैं क्या है रोटी तीज पर्व-
1. 24 अगस्त से श्वेतांबर समाज 8 दिन तक पर्युषण पर्व मना रहे हैं, जिसे 'अष्टान्हिका' कहते हैं जबकि दिगंबर समाज पर्युषण पर्व 10 दिन तक मनाते हैं जिसे वे 'दशलक्षण' कहते हैं। इस दशलक्ष्ण के व्रत प्रारंभ होने से पूर्व रोट तीज या त्रिलोक तीज व्रत का सबसे खास पर्व मनाया जाता है। उसके बाद आने वाली ऋषि पंचमी तिथि से दिगंबर समाज के 10 दिवसीय पयुर्षण पर्व की शुरुआत हो जाती है।
2. रोट तीज पर्व पर 24 तीर्थंकरों व चौबीसी की पूजा होती है। इस दिन महिलाएं पूजा-पाठ करके भोजन बनाती है। इस दिन रोट का पूजन किया जाता है।
3. इस दिन सभी जैन परिवारों में गेहूं के रोट, खीर, रायता, तरोई व पचकुटे की सब्जी बनती है। इस दिन रोट के साथ खास कर तुरई की सब्जी और चावल की खीर बनाने की परंपरा है।
4. इस दिन जैन धर्मावलंबी अन्य समाजों के अपने दोस्तों आदि को भी भोजन पर बुलाते हैं।
5. महिलाएं रोट तीज के दिन उपवास रखकर दिनभर निर्जला रहते हुए पूजा-अर्चना में दिन व्यतीत करती है तथा त्रिलोक तीज की कथा सुनती या पढ़ती है। परंपरानुसार महिलाओं द्वारा व्रत, उपवास भी किए जाते हैं।