Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(कालभैरव अष्टमी)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त-श्री कालभैरव अष्टमी/ सत्य सांईं जन्म.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

भगवान महावीर स्वामी का जन्मवाचन समारोह कैसे मनाया जाता है : 10 पवित्र तथ्य

हमें फॉलो करें भगवान महावीर स्वामी का जन्मवाचन समारोह कैसे मनाया जाता है : 10 पवित्र तथ्य
इन दिनों श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व चल रहे हैं और इसके अंतर्गत 28 अगस्त को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्मवाचन समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व के अंतर्गत कल्पसूत्र में उल्लेखित भगवान महावीर के जन्म-प्रसंग का वाचन करके सुनाया जाएगा तथा उनके दिए गए उपदेशों को जीवन में धारण करने का संकल्प लिया जाएगा। आइए यहां जानते हैं... 
 
कैसे मनाया जाता है भगवान महावीर स्वामी का जन्मवाचन समारोह, जानें 10 बातें-
 
श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व (Paryushan Parv 2022) के तहत 28 अगस्त 2022 को भगवान महावीर का जन्मवाचन समारोह (Mahavir Janma Vanchan Mahotsav) धूमधाम से मनाया जाएगा। पर्युषण महापर्व के पांचवें दिन (5th day of Paryushan) भारत के साथ-साथ विदेशों में बसे जैन धर्मावलंबी भी भगवान महावीर का जन्म वाचन समारोह (महोत्सव) मनाएंगे।
 
1. श्वेताम्बर मान्यता के अनुसार माता त्रिशला ने भगवान महावीर स्वामी के जन्म के पूर्व जो 14 महास्वप्न देखे थे, वे 14 रजत स्वप्न आकाश मार्ग से उतारे जाएंगे तथा जन्म उत्सव का विवरण और माता त्रिशला के 14 सपनों का महत्व समझाया जाएगा।
 
2. सुबह स्नात्र पूजन के बाद जन्मोत्सव के दौरान माता त्रिशला को आए 14 स्वप्नों की बोलियां लगाकर उन्हें प्रतिष्ठित किया जाएगा। 
 
3. इस अवसर पर साधु-साध्वी के मुखारविंद से अचिंत्य चिंतामणि कल्पसूत्र (kalpasutra) शास्त्र में उल्लेखित भगवान महावीर जन्म के वृत्तांत का वाचन होगा।
 
4. इस दिन अष्टप्रकारी पूजन की बोली लगाकर पूजन किया जाएगा। 
 
5. भगवान महावीर स्वामी की जन्म की खुशी में भक्त एक-दूसरे को केशरिया छापे लगाते हैं तथा प्रभावना बांटी जाती है। 
 
6. इस दिन भगवान के प्रतिमाओं तथा भगवान महावीर की आकर्षक अंगरचना की जाएगी।
 
7. साथ ही शिखर, कल्पवृक्ष, मेरु, भगवान को पालने में झुलाने, चंवर ढंवाने तथा घंटा-घड़ियाल बजाने के साथ-साथ श्रीसंघ को केसरिया छापा लगाने की बोलियां भी लगाई जाती हैं। 
 
8. भगवान महावीर के जन्मवाचन समारोह के दिन बाल प्रभु महावीर को पालने में झुलाया जाएगा और रात्रि भक्ति जागरण होगा। 
 
9. नाटय प्रस्तुति के माध्यम से राजा सिद्धार्थ को पुत्र रत्न की प्राप्ति पर बधाई कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।  
 
10. सायंकाल के समय भगवान महावीर की 108 दीपकों से महाआरती की जाएगी।

RK. 

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन करते हैं कौनसे 8 कार्य?