Kshamavani Parva 2020 : मन, वचन से माफी मांगने का पर्व है क्षमावाणी

राजश्री कासलीवाल
Kshamavani Parva 2020
 
मंगलवार, 1 सितंबर 2020 को दिगंबर जैन समुदाय के दशलक्षण महापर्व की समाप्ति हो गई है। इसके अंतर्गत मनाया जाने वाला खास पर्व क्षमावाणी 3 सितंबर 2020, गुरुवार को मनाया जाएगा। जैन धर्म की परंपरा के अनुसार वर्षा ऋतु में मनाया जाने वाला पर्युषण पर्व, जैन धर्मावलंबियों में आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है। 
 
इसी पर्व के समापन पर यानी पर्युषण पर्व के आखिरी दिन क्षमावाणी दिवस मनाया जाता है। इस दिन छोटे हो या बड़े सभी एक-दूसरे से हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हैं तथा कहते हैं कि मैंने मन, वचन, काया से, जाने-अनजाने में अगर आपका दिल दुखाया हो तो मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा मांगता/मांगती हूं। 
 
क्षमा पर्व का पावन दिन है
भव्य भावना का त्योहार, 
विगत वर्ष की सारी भूलें 
देना हमारी आप बिसार।। 
 
भगवान महावीर स्वामी और हमारे अन्य संत-महात्मा भी प्रेम और क्षमा भाव की शिक्षा देते हैं। अत: यही सत्य है कि हर मनुष्य के अंदर क्षमा भाव का होना बहुत जरूरी है। 
 
भगवान महावीर ने हमें आत्म कल्याण के लिए दस धर्मों के दस दीपक दिए हैं। प्रतिवर्ष पर्युषण आकर हमारे अंत:करण में दया, क्षमा और मानवता जगाने का कार्य करता है। जैसे हर दीपावली पर घर की साफ-सफाई की जाती है, उसी प्रकार पर्युषण पर्व मन की सफाई करने वाला पर्व है। इसीलिए हमें सबसे पहले क्षमा याचना हमारे मन से करनी चाहिए। 
 
जब तक मन की कटुता दूर नहीं होगी, तब तक क्षमावाणी पर्व मनाने का कोई अर्थ नहीं है। अत: जैन धर्म क्षमा भाव ही सिखाता है। हमें भी रोजमर्रा की सारी कटुता, कलुषता को भूल कर एक-दूसरे से माफी मांगते हुए और एक-दूसरे को माफ करते हुए सभी गिले-शिकवों को दूर कर क्षमा पर्व मनाना चाहिए। 
 
दिल से मांगी गई क्षमा हमें सज्जनता और सौम्यता के रास्ते पर ले जा‍ती है। आइए इस क्षमा पर्व पर हम अपने मन में क्षमा भाव का दीपक जलाएं उसे कभी बुझने न दें, ताकि क्षमा का मार्ग अपनाते हुए धर्म के रास्ते पर चल सकें। अत: हम दोनों ही गुण स्वयं में विकसित करें। क्योंकि कहा जाता हैं कि माफी मांगने से बड़ा माफ करने वाला होता है। 
 
इसी तरह सिर्फ जैन धर्म ही हमें क्षमा भाव रखना नहीं सिखता है, सभी धर्म यही कहते हैं कि हमें सबके प्रति अपने मन में दया और क्षमा का भाव रखना चाहिए। इसका उदाहरण इन निम्न बातों से भी सिद्ध होता है। आइए जानें... 
 
* सिख गुरु गोविंद सिंह जी एक जगह कहते हैं- 'यदि कोई दुर्बल मनुष्य तुम्हारा अपमान करता है, तो उसे क्षमा कर दो क्योंकि क्षमा करना वीरों का काम है।' 
 
* ईसा मसीह ने भी सूली पर चढ़ते हुए कहा यही कहा था कि- 'हे ईश्वर! इन्हें क्षमा करना, ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।' 
 
* कुरान शरीफ में भी लिखा है- 'जो वक्त पर धैर्य रखे और क्षमा कर दे, तो निश्चय ही यह बड़े साहस के कामों में से एक है।'  
 
* स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि- तमाम बुराई के बाद भी हम अपने आपको प्यार करना नहीं छोड़ते तो फिर दूसरे में कोई बात नापसंद होने पर भी उससे प्यार क्यों नहीं कर सकते? 
 
अंत में सभी को जय जिनेंद्र..., 
 
सभी को दिल से उत्तम क्षमा...। 

ALSO READ: पर्युषण 2020 : दशलक्षण महापर्व का महत्व जानिए
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

अगला लेख
More