श्री जगन्नाथ के लिए दीपदान कैसे किया जाता है?

अनिरुद्ध जोशी
शनिवार, 2 जुलाई 2022 (08:56 IST)
Deepdan for Shri Jagannath: जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा जब गुंडीचा मंदिर पहुंच जाती है तब दूसरे दिन दीपदान महोत्सव होता है। आओ जानते हैं कि प्रभु जगन्नाथ के लिए कैसे किया जाता है दीपदान।
 
दीपदान क्या है?
दीपक का दान करना या दीप को जलाकर उसे उचित स्थान पर रखना दीपदान कहलाता है। किसी दीपक को जलाकर देव स्थान पर रखकर आना या उन्हें नदी में प्रवाहित करना दीपदान कहलाता है। यह प्रभु के समक्ष निवेदन प्रकाट करने का एक तरीका होता है।
 
कहां करते हैं दीपदान?
1. देवमंदिर में करते हैं दीपदान। 
2. विद्वान ब्राह्मण के घर में करते हैं दीपदान।
3. नदी के किनारे या नदी में करते हैं दीपदान।
4. दुर्गम स्थान अथवा भूमि (धान के उपर) पर करते हैं दीपदान।
 
कैसे करते हैं दीपदान?
1. किसी मिट्टी के दिये में तेल डालकर उससे मंदिर में ले जाकर जलाकर उसे वहां पर रख जाएं। दीपों की संख्या और बत्तियां खास समयानुसार और मनोकामना अनुसार तय होती है।

2. आटे के छोटेसे दीपक बनाकर उसमें थोड़ासा तेल डालकर पतलीसी रुई की बत्ती जलाकर उसे पीपल या बढ़ के पत्ते पर रखकर नदी में प्रवाहित किया जाता है।
 
3. देव मंदिर में दीपक को सीधा भूमि पर नहीं रखते हैं। उसे सप्तधान या चावल के उपर ही रखते हैं। भूमि पर रखने से भूमि को आघात लगता है।
 
दीपदान करने के फायदे :
1. अकाल मृत्यु से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
2. अपने मृ‍तकों की सद्गति के लिए करते हैं दीपदान।
3. लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा हेतु करते हैं दीपदान।
5. यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
6. सभी तरह के अला-बला, गृहकलह और संकटों से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
7. जीवन से अंधकार मिटे और उजाला आए इसीलिए करते हैं दीपदान।
8. मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं दीपदान।
9. किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु करते हैं दीपदान।
10. घर में धन समृद्धि बनी रहे इसीलिए भी कहते हैं दीपदान।
11. भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुद्ध जयंती कब है, गौतम सिद्धार्थ नेपाली थे या भारतीय?

अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना

लाल किताब के अनुसार किस्मत का ताला खोलने के क्या है अचूक उपाय

गोल्ड पहन रखा है तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें कि इसके क्या है नुकसान और सावधानियां

जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थित नीलचक्र और ध्वज का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

22 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

22 अप्रैल 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

क्या पोप फ्रांसिस को लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच साबित हुई, सच में शुरू होने वाला है भयानक समय?

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 पर जाने के लिए कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?

रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च पोप फ्रांसिस का जीवन परिचय

More