माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर आपकी जानकारी किसी और को मुहैया करवाई जा सकती है। ट्विटर की नई पॉलिसी के अंतर्गत अपने यूज़र का डाटा ट्विटर विदेश ले सकता है, जहां से आपकी जानकारी तीसरे पक्ष से साझा की जा सकती है। इसके खतरे को आप इस तरह समझें कि अगर आप अपने मोबाइल से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम बैंकिंग लेन देन करते हैं और इसी तरह के अन्य बेहद निजी कार्य यदि आप अपने फोन से करते हैं और इसी मोबाइल पर आप ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी समस्त जानकारी किसी और के पास जा सकती है।
ट्विटर ने पिछले सप्ताह यह स्पष्ट कर दिया है कि यूजर्स का डाटा विदेश ले जाना उसकी सेवा शर्तों के दायरे में है। ऐसे में राइट टू प्राइवेसी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों ही गंभीर मामले इससे संबद्ध हैं।
ट्विटर ने पिछले सप्ताह भारत सहित दुनियाभर के अपने उयोगकर्ताओं के लिए सेवा की शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किया है। यह नई नीति 2 अक्टूबर से लागू हो जाएगी। इन शर्तों के अनुसार कंपनी अपने यूजर्स का डाटा विदेश ले जा सकती है और अपनी सहयोगी कंपनियों के साथ साझा भी कर सकती है।
भारत में गूगल, फेसबुक, और अन्य इंटरनेट कंपनियां विज्ञापन के लिए अपने यूजर्स के डाटा इस्तेमाल कर रही हैं। यह सवाल न केवल राइट टू प्रायवेसी का है, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा भी संबंधित है। देखना होगा कि ट्विटर की बदली हुई नीति के बाद डाटा शेयर पर भारत सरकार का क्या रुख रहता है।