फेसबुक ने सोमवार को कहा कि उसने अपने प्लेटफॉर्म से करीब 200 एप्स को सस्पैंड कर दिया है। इन एप्स को यूजर्स के प्राइवेट डाटा के गलत इस्तेमाल के कारण हटाया गया है। कैम्ब्रिज एनालिटिका मामला सामने आने के बाद यह जांच शुरू की गई थी।
फेसबुक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ये एप्स यूजर्स के डाटा को जरूरत से ज्यादा एक्सेस कर रही थीं इस कारण हमने इन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। फेसबुक के प्रोडक्ट पार्टनरशिप वॉइस प्रेसीडेंट इमी आर्कबोंग ने जानकारी देते हुए बताया है कि फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।
हमारे पास एक्सपर्ट्स की एक बड़ी टीम है जो संवेदनशील एप्स की जांच कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अभी इस क्षेत्र में और काम करने की आवश्कता है, जिससे हमे पता चल सकेगा कि कितनी एप्स और हैं जो यूजर्स के डाटा का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं।
करीब 8 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी होने के बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हर एक एप की जांच पड़ताल करने का वादा किया था। उनका मकसद यूजर्स का डाटा एक्सैस करने वाली एप्स को लोगों तक पहुंचाने से रोकना था। इमी आर्कबोंग ने बताया है कि जांच दो चरणों में चल रही है। पहले चरण में यूजर्स के डाटा तक पहुंच रखने वाली एप्स का पता लगाया जा रहा है। वहीं दूसरे चरण के तहत एप को लेकर संदेह होने पर पूछताछ की जा रही है।