भद्रजनों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट ने अब अपना चोला बदल लिया है और उसे दर्शकों को आकर्षित करने के लिए ट्वेंटी-20 के रूप में ऐसा 'आइटम साँग' मिल गया है, जिसमें तीन घंटे की किसी मसाला बॉलीवुड फिल्म की पूरी मस्ती है।
ट्वेंटी-20 के पहले विश्व कप की दक्षिण अफ्रीका के वांडरर्स में जिस तरह धमाकेदार शुरुआत हुई, उसने एकबारगी तो इस जेंटलमैन खेल के समर्थकों को चौंका दिया।
स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था, तेज संगीत चल रहा था, कम कपड़ों में लड़कियाँ डांस कर रही थीं, चौके-छक्के बरस रहे थे और पूरे माहौल में एक सनसनाहट फैली हुई थी। यह एक ऐसा नजारा था जिसने कुछ क्षणों के लिए एकदिवसीय क्रिकेट को भी पीछे छोड़ दिया।
तीन घंटे के खेल में लगभग 40 ओवर, 400 से ज्यादा रन और छक्कों-चौकों की बरसात...यह दृश्य था दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच ट्वेंटी-20 विश्व कप के उद्घाटन मैच का। यह मैच पूरी तरह बॉलीवुड की एक मसाला फिल्म की तरह था, जिसमें स्टेडियम में बैठे दर्शकों और टीवी पर देख रहे दर्शकों को रिझाने के लिए हर आइटम मौजूद था।
किसी समय एक दिवसीय मैचों को 'पजामा क्रिकेट' कहा गया था, लेकिन अब ट्वेंटी-20 को यदि क्रिकेट का 'आइटम साँग' कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा।
पिछले वर्ष की शुरुआत में वेस्टइंडीज में मार्च-अप्रैल में हुए एक दिवसीय विश्वकप के कई मैचों को दर्शकों की बेरुखी का शिकार होना पड़ा था। कुछ तो महँगे टिकट थे और कई मैचों में तो खेल का स्तर ही नहीं था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में आयोजित पहले ट्वेंटी-विश्व कप ने क्रिकेट की लोकप्रियता को आसमान में पहुँचा दिया।
स्टेडियमों के खाली रहने पर आईसीसी ने भी गहरी चिंता जताई थी, लेकिन मंगलवार को वांडरर्स का नजारा देखकर आईसीसी और आयोजक दोनों का दिल बाग-बाग हो गया होगा।