हाल ही में विराट कोहली ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 67 गेंदो में शतक जड़ा था। हालांकि यह शतक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के काम नहीं आया था। इस शतक के साथ एक रिकॉर्ड और जुड़ा जिसमें यह आईपीएल की संयुक्त रूप से सबसे धीमा शतक था। उनके साथ मनीष पांडे ने इतनी ही गेंदो पर शतक बनाया था। वहीं भारतीय जमीन पर खेले गए आईपीएल मैच में यह सबसे धीमी पारी थी।
कोहली ने 72 गेंद में 12 चौकों और चार छक्कों की मदद से नाबाद 113 रन बनाए लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम तीन विकेट पर 183 रन ही बना सकी जिससे राजस्थान रॉयल्स ने जोस बटलर की 58 गेंद में नाबाद शतक की बदौलत पांच गेंद शेष रहते ही पार कर लिया।
हालांकि विराट कोहली के अलावा कोई भी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टिक नहीं पा रहा था। इस कारण विराट कोहली के बचपन के कोच ने इसे स्लो सेंचुरी मानने से इंकार कर दिया और उन क्रिकेट पंडितों की समझ पर ही सवाल उठा दिए जो क्रिकेट के विशेषज्ञ बने बैठे हैं।
कोहली ने कहा कि गेंद रुककर आ रही थी लेकिन उनकी बल्लेबाजी से ऐसा नहीं लगा: अजय जडेजा
विराट कोहली का मानना है कि जयपुर की पिच पर कुछ गेंद रुककर आ रही थी जिससे शॉट खेलना मुश्किल हो रहा था है लेकिन भारत के पूर्व एकदिवसीय कप्तान अजय जडेजा का मानना है कि जिस तरह से इस स्टार बल्लेबाज ने बल्लेबाजी की उससे ऐसा नहीं लगता कि पिच में कोई समस्या थी।
जडेजा ने कोहली के मूल्यांकन में कुछ विसंगतियां महसूस की।जियो सिनेमा के आईपीएल विशेषज्ञ जडेजा ने कहा, उन्होंने (कोहली ने) बहुत अच्छी शुरुआत की। उन्होंने शुरुआती कुछ ओवरों में कुछ चौके लगाए और आप जानते थे कि आप आज रात कुछ विशेष देख रहे हैं। एकमात्र आश्चर्यजनक बात यह थी कि वह इस बारे में बोल रहे थे कि गेंद पिच से रुककर आ रही थी लेकिन जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की, हमें पिच में कोई कमी नहीं दिखी।
अपना आठवां आईपीएल शतक बनाने के बाद कोहली ने कहा था कि पिच सपाट नहीं थी।कोहली ने शनिवार को आधिकारिक प्रसारण को कहा था, विकेट बाहर से काफी अलग दिखता है। ऐसा लगता है कि यह सपाट है लेकिन गेंद पिच से रुककर आ रही थी, तभी आपको गति में बदलाव का अहसास होता है।यह कोहली का शॉट खेलने का तरीका ही है जिसने जडेजा को यह विश्वास दिलाया कि पिच में कोई कमी नहीं है।