रॉयल चैलेंजर्स आईपीएल के फाइनल में
डेक्कन चार्जर्स से होगा खिताबी मुकाबला
गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट के नए सितारे मनीष पांडे और अनुभवी राहुल द्रविड़ के बीच उपयोगी साझेदारी से रॉयल चैलेंजर्स चैलेंजर्स बेंगलोर ने शनिवार को यहाँ पिछले साल के उपविजेता चेन्नई सुपर किंग्स को सात गेंद शेष रहते हुए छह विकेट से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल में जगह बनाई।
यह दिलचस्प संयोग है कि पिछले साल आईपीएल में अंतिम स्थान पर रहने वाली दो टीमों के बीच इस बार खिताबी मुकाबला होगा। बेंगलोर की टीम रविवार को फाइनल में डेक्कन चार्जर्स से भिड़ेगी जिसने पहले सेमीफाइनल में दिल्ली डेयरडेविल्स को छह विकेट से हराया था।
महेंद्रसिंह धोनी की टीम के टास गँवाकर पहले बल्लेबाजी करने के बाद हिचकोले ही खाती रही। उनके प्रमुख बल्लेबाज पार्थिव पटेल (27 गेंद पर 36), धोनी (30 गेंद पर 28), मैथ्यू हेडन (19 गेंद पर 26) और सुरेश रैना (20) क्रीज पर समय बिताने के बावजूद बड़ा स्कोर नहीं बना पाए और टीम पाँच विकेट पर 146 रन तक ही पहुँच पाई।
डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ पिछले मैच में शतक जड़ने वाले पांडे ने फिर से 48 रन की पारी खेली तथा द्रविड़ (39 गेंद पर 44) के साथ तीसरे विकेट के लिए 72 रन की उपयोगी साझेदारी की। अंतिम क्षणों में विराट कोहली (नाबाद 24) और रॉस टेलर (नाबाद 17) ने दो-दो छक्के जड़कर टीम का स्कोर 18.5 ओवर में 149 रन तक पहुँचाया।
पांडे ने एल्बी मोर्कल के पहले ओवर में दो चौके जड़े जबकि जाक कैलिस (9) ने मनप्रीत गोनी का स्वागत लगातार चौके जमाकर किया, लेकिन इसी ओवर की ऑफ स्टंप से बाहर जाती चौथी गेंद उनके बल्ले का चूमती हुई विकेटकीपर पार्थिव के हाथों में चली गई।
बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजे गए रीलोफ वान डर मार्व शुरू में मिले जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए और मोर्कल की अगली यार्कर पर बोल्ड हो गए। इसके बाद पांडे और द्रविड़ ने विकेट गिरने का क्रम रोका।
पांडे ने अपनी अच्छी टाइमिंग का खूबसूरत नजारा पेश करके गोनी के एक ओवर में तीन बार गेंद सीमा रेखा पार भेजी, जबकि द्रविड़ ने शादाब जकाती का स्वागत दो चौके लगाकर किया। स्पिनरों के आने के बाद रन गति पर अंकुश लगा, जिन्हें खेलने में बल्लेबाजों को परेशानी हुई।
पांडे जब अर्धशतक से केवल दो रन दूर थे तब जकाती की आर्म बॉल पर वे तरह चूक गए और बोल्ड होकर पैवेलियन लौटे। उन्होंने 35 गेंद की पारी में सात चौके लगाए। द्रविड़ भी मुरलीधरन की गेंद पर स्वीप करने के प्रयास में पगबाधा आउट हो गए, जिससे चेन्नई की वापसी की संभावना बन गई।
लेकिन कोहली और टेलर ने ऐसा नहीं होने दिया। बेंगलोर को जब 24 गेंद पर 35 रन चाहिए थे, तब महेंद्रसिंह धोनी का सुरेश रैना को गेंद सौंपने का फैसला सही नहीं रहा और उनके ओवर में 15 रन बन गए, जिसमें टेलर और कोहली का एक-एक छक्का शामिल है।
कोहली ने मुरलीधरन की गेंद भी छह रन के लिए भेजी, जिन्होंने चार ओवर में 15 रन दिए। इस युवा बल्लेबाज ने जैकब ओरम की गेंद पर मिडविकेट पर विजयी चौका लगाया।
इससे पहले चेन्नई हेडन और पार्थिव से मिली अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया। इन दोनों ने पहले विकेट के लिए सात ओवर में 61 रन जोड़े। पार्थिव अधिक आक्रामक होकर खेले। उन्होंने दूसरे ओवर में कैलिस को तीन चौके जड़े और फिर विनयकुमार का स्वागत लगातार दो चौके लगाकर किया।
हेडन ने इसी गेंदबाज पर डीप मिडविकेट पर पारी का पहला छक्का जमाया, लेकिन ओवर की अंतिम गेंद उनके बल्ले से होती हुई सीमा रेखा से कुछ फुट पहले पांडे के हाथों में समा गई।
हेडन के आउट होने के बाद अगले पाँच ओवर तक गेंद सीमा रेखा पार नहीं गई और इस बीच उसने पार्थिव का भी विकेट गँवाया, जिन्हें अपना दूसरा स्पैल करने के लिए आए कैलिस ने पगबाधा आउट किया।
रैना ने 13वें ओवर में विनयकुमार पर एक्स्ट्रा कवर में चौका और फिर लांग ऑन पर छक्का जड़कर गेंद को सीमा रेखा के दर्शन कराए, लेकिन वे उत्तरप्रदेश के अपने साथी प्रवीण कुमार के साथ मुकाबला हार गए। अनिल कुंबले का दूसरी बार गेंदबाजी में बदलाव करना कारगर रहा तथा प्रवीण की धीमी लेग कटर पर रैना ने हवा में गेंद उछालकर विकेटकीपर मार्क बाउचर को आसान कैच थमाया।
धोनी ने दस ओवर से अधिक समय तक क्रीज पर बिताए, लेकिन उनके बल्ले से कोई चौका या छक्का नहीं निकला। उन्होंने मार्व की उछाल लेती गेंद पर जब लंबा शॉट खेला तो वह लांग ऑन बाउंड्री पर विनयकुमार के हाथों में चला गया।
मोर्कल (नाबाद 20) ने कुंबले जबकि जैकब ओरम (09) ने प्रवीण की गेंद पर अंतिम क्षणों में एक-एक छक्का जमाया, लेकिन वह टीम का स्कोर 150 के पार पहुँचाने में नाकाम रहे।