अपने तूफानी तेवरों से डेक्कन चार्जर्स को फाइनल में पहुँचाने वाले कप्तान एडम गिलक्रिस्ट दिल्ली डेयरडेविल्स पर एकतरफा जीत के बावजूद खुद को खिताब का मुख्य दावेदार बताने से बचते रहे और उन्होंने शुक्रवार को कहा कि ट्वेंटी-20 के प्रत्येक मैच की तरह खिताबी मुकाबला दो घोड़ों की रेस की तरह होगा, जिसमें कोई भी जीत सकता है।
गिलक्रिस्ट ने केवल 35 गेंद पर 85 रन बनाए, जिससे डेक्कन ने दिल्ली को छह विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई, जहाँ 24 मई को वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच के विजेता से भिड़ेगा।
डेयरडेविल्स को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद गिलक्रिस्ट ने फाइनल की संभावना के बारे में कहा कि ट्वेंटी-20 में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि पलभर में मैच का नक्शा बदल जाता है। फाइनल भी दो घोड़ों की रेस की तरह होगा जिसमें कोई भी जीत सकता है।
दिल्ली ने डेक्कन के सामने 154 रनों का लक्ष्य रखा लेकिन गिलक्रिस्ट ने उसे बौना कर दिया। अपनी इस पारी के बारे में उन्होंने कहा कि मेरा एकमात्र उद्देश्य रन गति बनाए रखना और उन पर कुछ दबाब बनाना था। यदि शीर्ष क्रम लड़खड़ा जाता तो हम दबाव में आ जाते।
अपनी बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए गिलक्रिस्ट ने कहा कि हमने पहले भी कुछ मैच ऐसी स्थिति में गँवाए थे, जबकि हमारा शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया और टीम दबाव में आ गई। इसलिए हमारा गेम प्लान विरोधी टीम पर दबाव बनाने और रन गति बनाए रखने की थी।
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपने गेंदबाजों विशेषकर रियान हैरिस की भी जमकर तारीफ की जिन्होंने अपने पहले ओवर में ही दो विकेट लिए। गिलक्रिस्ट ने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे गेंदबाजों ने मैच में शुरू से अच्छा प्रदर्शन किया। कुछ कैच जरूर छूटे लेकिन मैदानी क्षेत्ररक्षण अच्छा रहा। इसके अलावा खिलाड़ियों में भरपूर उत्साह था।
गिलक्रिस्ट एक साल पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। जब उनसे पूछा गया कि एक साल बाद भी वे तूफानी तेवरों का अच्छा इजहार कैसे करते हैं तो उन्होंने हँसते हुए कहा कि लंबे विश्राम के बाद जो थोड़ी तरोताजगी मिली मुझे लगता है उसके कारण। मैं एक साल बाद क्रिकेट में लौटा और इससे काफी तरोताजा था।