महेंद्रसिंह धोनी का कहना है कि अगले माह ट्वेंटी-20 विश्व कप में अपने खिताब को बचाने के लिए कमर कस चुकी भारतीय टीम को इंडियन प्रीमियर लीग से कई सकारात्मक पक्ष मिले हैं, जिसमें युवाओं को दबाव झेलने का अनुभव मिलना, कामचलाऊ गेंदबाजों का मैच विजेता बनकर उभरना और अभ्यास का मौका शामिल है।
बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स के हाथों कल सेमीफाइनल में शिकस्त के बाद धोनी ने कहा अगर आप इस टूर्नामेंट के बारे में कुछ अच्छी चीज देखें तो वह कामचलाऊ खिलाड़ियों का उभरना है, जिन्होंने सचमुच काफी अच्छा प्रदर्शन किया जिससे हमें आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अधिकांश स्पिनर कामचलाऊ थे जो टीम का हिस्सा थे और उन्होंने दबाव के समय अच्छी गेंदबाजी की। गेंदबाजों को स्पिन बहुत ज्यादा नहीं मिल रही थी, शायद गेंद कुछ रुककर आ रही थी लेकिन कुल मिलाकर अनुभव काफी मायने रखता है। आईपीएल में 55 से 60 मैचों के टूर्नामेंट में अधिकांश मैच काफी करीबी रहे।
धोनी ने कहा कि विजेता टीम का हिस्सा रहे अधिकतर भारतीय बल्लेबाज और शायद विजयी क्षणों का हिस्सा रहे गेंदबाज भी दबाव में थे। वे दबाव से काफी अच्छी तरह निपटे जो अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में भी होता है। खिलाड़ियों को इससे काफी सकारात्मक पक्ष मिले जिससे उन्हें फायदा होगा। भारतीय कप्तान ने कहा कि वे इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान उभरकर आई घरेलू प्रतिभाओं से काफी प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि हमने देखा कि नए घरेलू खिलाड़ी भी आगे आए और स्तरीय प्रदर्शन किया। कुल मिलाकर आप यह कह सकते हैं कि यह हमारे लिए अच्छा टूर्नामेंट रहा। पिछले साल के आईपीएल ने भी ट्वेंटी-20 में भारत के बेहतर प्रदर्शन में मदद की और यहाँ तक कि एकदिवसीय प्रारूप में भी। उम्मीद करता हूँ कि इस साल का टूर्नामेंट हमें अगले स्तर पर ले जाएगा।