भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग को रोमांचक बनाने के लिये पहली बार यह नियम पेश किया है। सपरू ने स्टार की ओर से गुरुवार को जारी वीडियो में बताया कि यह नियम टीमों को एक मैच में स्थिति के आधार पर एक और गेंदबाज या बल्लेबाज को मैदान पर उतारने की अनुमति देगा। नियम का उद्देश्य खेल में एक रणनीतिक आयाम जोड़ना है जिससे टीमें मैच की स्थिति के आधार पर सामरिक परिवर्तन कर सकें।
इम्पैक्ट प्लेयर नियम के साथ एक महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि टीमें टॉस के बाद अपनी एकादश चुन सकेंगी। निश्चित रूप से टॉस जीतना या हारना एक टीम की प्लेयिंग इलेवन को प्रभावित करेगा। इस बदलाव के साथ मैच प्रभावी रूप से 12 बनाम 12 हो जाएगा, हालांकि केवल 11 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी कर सकेंगे।
इसके अतिरिक्त, यदि शुरुआती एकादश में पहले से ही चार विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं, तो इम्पैक्ट प्लेयर विदेशी नहीं हो सकेगा। यदि शुरुआती एकादश में चार से कम विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं, तो एक गैर-भारतीय इम्पैक्ट प्लेयर को पेश किया जा सकता है।
टूर्नामेंट की समिति इम्पैक्ट सब्स्टीट्यूशन (इम्पैक्ट खिलाड़ी के स्थानापन्न) की घोषणा पहले ही कर चुकी है जिसमें एक नये खिलाड़ी को मैच के दौरान पांच निर्धारित स्थानापन्न खिलाड़ियों से बदला जा सकता है।
इसके अलावा बीसीसीआई द्वारा जारी खेलने के नये नियमों के अनुसार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीमों के कप्तान अब टॉस से पहले खिलाड़ियों के नाम की सूची देने से बजाय टॉस के बाद अंतिम एकादश का चयन कर सकते हैं।
खेलने की शर्तो के अनुच्छेद 1.2.1 के अनुसार, प्रत्येक कप्तान को टॉस के बाद अपने अंतिम 11 खिलाड़ियों और अधिकतम पांच स्थानापन्न क्षेत्ररक्षकों के नाम लिखित में आईपीएल मैच रेफरी को देने होंगे।
इसके अनुसार, अनुच्छेद 1.2.9 के अनुसार किसी भी सदस्य (अंतिम एकादश के सदस्य) को चुने जाने के बाद और खेल शुरू होने से पहले प्रतिद्वंद्वी कप्तान की सहमति के बिना बदला नहीं जा सकता। इसका मतलब है कि टॉस के बाद अगर किसी कप्तान को लगता है कि उसे परिस्थिति के हिसाब से अपने अंतिम एकादश में बदलाव की जरूरत है तो वह मैच शुरू होने तक ऐसा करने के लिये स्वतंत्र है।
नियमों में एक अन्य बदलाव विकेटकीपर की अनुचित गतिविधि के लिये जुर्माना लगाना है, अगर वह बल्लेबाज के गेंद खेलने से पहले अपनी स्थिति में बदलाव करता है।विकेटकीपर द्वारा अनुचित गतिविधि में अंपायर इसे डेड गेंद घोषित कर सकता है और दूसरे अंपायर को ऐसा करने के कारण के बारे में सूचित कर सकता है।
गेंदबाज के छोर के अंपायर को फिर वाइड या नो बॉल के लिए एक रन का जुर्माना लगाना होगा और अगर उसे लगेगा तो वह बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच पेनल्टी रन भी दे सकता है। अंपायर अपनी इस कार्रवाई के कारण के बारे में क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के कप्तान को सूचित करेगा। वह बल्लेबाजों और जितना जल्दी हो सके बल्लेबाजी करने वाली टीम के कप्तान को बतायेगा।