Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आधे IPL 2022 में ही बाहर हुई मुंबई इंडियन्स, यह रही टूर्नामेंट की 5 बड़ी बातें

हमें फॉलो करें आधे IPL 2022 में ही बाहर हुई मुंबई इंडियन्स, यह रही टूर्नामेंट की 5 बड़ी बातें
, सोमवार, 25 अप्रैल 2022 (15:09 IST)
आईपीेल 2022 के इस सत्र में इस बार 74 मैच खेले जाने है। इस लिहाज से आधा आईपीएल अब पूरा हो गया है। कल वानखेड़े स्टेडियम में खेल गए मुंबई इंडियन्स और लखनऊ सुपर जाएंट्स का 37वां मैच था जिसमें मुंबई 36 रनों से हारकर इस टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

यह काफी अचरज की बात है कि आधा ही आईपीेएल हुआ है और अब यह टूर्नामेंट सिर्फ 9 टीमों का रह गया है। पांच बार आईपीएल जीतने वाली मुंबई इंडियन्स लगातार 8 मैच हारकर बाहर हो गई है। 29 दिनों से जीत की तलाश कर रही मुंबई इंडियन्स अभी तक एक मैच भी नहीं जीती है।

दिलचस्प बात यह है कि यह समझा जा रहा था कि मुंबई इंडियन्स को घरेलू मैदान का फायदा मिलेगा क्योंकि आईपीएल 2022 के ज्यादातर मैच मुंबई में ही खेले जा रहे हैं जिस कारण से फैंस का भी समर्थन मुंबई को भरपूर मिला लेकिन मैदान पर टीम कोई कमाल नहीं कर पायी।

अमुमन टूर्नामेंट में टीमों का प्लेऑफ से बाहर निकलने का सिलसिला टूर्नामेंट के अंत में होता है। लेकिन इस बात तो आधे आईपीएल के बाद ही एक टीम बाहर हो गई है।
webdunia

कुछ और भी दिलचस्प बाते हैं जो इस टूर्नामेंट के आधे भाग तक रही।कुछ रुझान साफ़ दिखने लगे हैं। रिटेन किए गए खिलाड़ी निराश कर रहे हैं और अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों ने उतना ही प्रभावित किया है। डैथ ओवर यानी 17वें और आख़िरी ओवर के बीच गेंदबाज़ी एक कड़ी चुनौती साबित हुई है और कोई भी टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करना नहीं चाह रही है :
webdunia

रिटेन किए गए खिलाड़ियों का संघर्ष 

मोईन अली, विराट कोहली, मोहम्मद सिराज, रोहित शर्मा, कीरोन पोलार्ड, अक्षर पटेल ऐसे बड़े नाम हैं जो रिटेन किए गए जाने के बावजूद अब तक पूरी तरह फ़ॉर्म में नहीं आए हैं। वहीं अब्दुल समद, यशस्वी जायसवाल और एनरिक नोर्त्जे जैसे खिलाड़ी नियमित तौर पर एकादश में नहीं दिख रहे हैं। रिटेन प्लेयर पर निर्भर रहने वाले मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स दोनों के लिए यह सीज़न बहुत निराशाजनक रहा है जबकि ड्राफ़्ट के ज़रिए जिन खिलाड़ियों को नई टीमों ने पिक किया था उनका फ़ॉर्म ज़बरदस्त रहा है। फलस्वरूप दोनों नई टीम अंक तालिका के पहले दो पायदान पर हैं। एक फ्रैंचाइज़ी के लिए रिटेन किए गए प्लेयर रीढ़ की हड्डी समान होते हैं और जैसे जैसे टूर्नामेंट अब आख़िर तक जाएगा इन टीमों का प्रदर्शन ऐसे खिलाड़ियों के फ़ॉर्म पर निर्भर करेगा। टूर्नामेंट में 3 शतक लगाने वाले जॉस बटलर ही एकमात्र अपवाद है।
webdunia

अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों का जलवा

10 टीमों के आईपीएल में एक संदेह ज़रूर था कि इतने नए खिलाड़ी इस बड़े टूर्नामेंट के दबाव में कैसा प्रदर्शन करेंगे। अगर जितेश शर्मा, तिलक वर्मा, वैभव अरोड़ा, अभिनव मनोहर, आयुष बदोनी और विदेशी मूल के डेवाल्ड ब्रेविस के खेल को देखें तो इनकी अनुभवहीनता का कोई एहसास नहीं होगा। अगर टीमों की संख्या आठ ही रहती तो शायद कुछ नाम खेलते हुए नहीं दिखते। बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल पिचों से ऐसे युवा खिलाड़ियों को मदद ज़रूर मिली है क्योंकि इन्हें आते ही आक्रामक बल्लेबाज़ी करने का पूरा मौक़ा मिला है। ऐसे में टीमों में मौजूद विदेशी खिलाड़ियों को भी अपनी जगह बनाए रखने के लिए निरंतरता दिखाने के दबाव को झेलना पड़ रहा है। उदाहरण के तौर पर साढ़े आठ करोड़ रुपए में ख़रीदे गए टिम डेविड ने मुंबई के लिए बहुत कम मैच खेले हैं। कुल 29 मैचों में 11 ऐसे अवसर आए हैं जब टीमों ने अपने चार विदेशी खिलाड़ियों का कोटा नहीं अपनाया है जो सारे सीज़न को मिलाकर एक रिकॉर्ड है।

टॉस पर एकतरफ़ा फ़ैसला

इस सीज़न में 34 लगातार मैचों में कप्तान ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी है। दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वॉटसन ने 'द ग्रेट क्रिकेटर' पॉडकास्ट पर कहा कि टीमों के लिए ओस के बारे में पूर्वानुमान करना असंभव है। ऐसे में कप्तान टॉस पर यही सोच रहा है कि एक लक्ष्य का पीछा करना ही बेहतर होगा।35वें मैच में जाकर यह रिकॉर्ड टूटा जब हार्दिक पांड्या ने कोलकाता के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और फिर मैच भी गुजरात जीता।

डैथ ओवर्स का धूम धड़ाका

डैथ ओवर (17-20) में इस सीज़न अब तक का औसतन रन रेट 11.53 का रहा है, जो किसी भी सीज़न के लिए 29 मैचों के बाद सर्वाधिक है। इसका सीधा मतलब है टीमें आख़िर के चार ओवर में 47 रन बना रही हैं। इससे पहले आम तौर पर यह रन रेट 10 के क़रीब ही रहा है लेकिन 2020 में यूएई में खेले गए सीज़न और इस बार यह औसत 11.5 से अधिक का रहा है। इस पड़ाव में ओस और छोटी बॉउंड्री के चलते गेंदबाज़ों के लिए कठिनाई काफ़ी अधिक रही है। आंकड़ों के अनुसार यॉर्कर और गुड लेंथ से थोड़ी छोटी लंबाई की गेंदों ने रन रोकने में सबसे ज़्यादा असर डाला है। इन दोनों गेंदों पर रन रेट 5.76 और 8.76 रन प्रति ओवर का रहा है। हालांकि ओस के चलते तेज़ गेंदबाज़ो से यॉर्कर लेंथ में ग़लती भी हो रही है और ऐसे में 16 ऐसे डैथ ओवर डाले गए हैं जिनमें 20 या उससे अधिक रन बने हैं।बतौर टीम गुजरात टाइटंस इकलौती टीम है जिसने इस पड़ाव में 10 से कम 8.41 के रन रेट से रन दिए हैं। वहीं रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियंस ने 13 से अधिक के रेट से रन लुटाए हैं।
webdunia

धीमी शुरुआतों का रुझान

जहां डैथ ओवर में टीमें क़हर बरपा रही हैं, तो वहीं लगभग सभी टीमों ने पावरप्ले में रन गति को बढ़ाने में संघर्ष किया है। इस सीज़न बल्लेबाज़ों ने इस पड़ाव में 27.04 के औसत और 7.04 के दर से रन बनाए हैं। इस समय में कई खिलाड़ियों का स्ट्राइक रेट 100 से भी नीचे का रहा है। 50 या उससे अधिक गेंदें खेलने वाले 17 बल्लेबाज़ों की सूची में आठ ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका स्ट्राइक रेट 110 से कम का है और इसमें फ़ाफ़ डुप्लेसी, केन विलियमसन और वेंकटेश अय्यर जैसे नाम मौजूद हैं।

शुरुआती हफ़्तों में तेज़ गेंदबाज़ों को नई गेंद से मदद मिलती रही है लेकिन आधे आईपीएल के बाद पिचें धीमी होती जाएंगी और तब बल्लेबाज़ों के तेवर को ध्यान में रखना रोचक होगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मुंबई के खिलाफ दूसरी बार शतक मारा तो केएल राहुल का डबल हो गया जुर्माना!