राजस्थान रॉयल्स के जॉस बटलर ने आईपीएल के इस सीज़न में अब तक चार शतक जड़ दिए हैं, जो एक सीज़न में किसी बल्लेबाज़ द्वारा संयुक्त तौर पर सबसे ज़्यादा लगाए गए शतक हैं। बटलर से पहले विराट कोहली ने आईपीएल 2016 में चार शतक लगाए थे।
आईपीएल के एक सीज़न में सिर्फ़ दो खिलाड़ियों ने बटलर से अधिक रन बनाए हैं और बटलर के पास अभी भी एक पारी बची हुई है। बटलर के 824 रनों के मुक़ाबले कोहली ने 973 जबकि डेविड वॉर्नर ने 848 रन बनाए थे। दोनों ने इतने रन 2016 के ही सीज़न में बनाए थे।
2021 में लगाए एक शतक को शामिल करते हुए आईपीएल में अब बटलर के नाम कुल पांच शतक हो गए हैं। लिहाज़ा उनका नाम अब आईपीएल में पांच या उससे अधिक शतक लगाने वाले तीन बल्लेबाज़ों में शामिल हो गया है। कोहली ने आईपीएल में पांच शतक बनाए हैं जबकि सबसे ज़्यादा छह शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ क्रिस गेल हैं।
बटलर ने इस सीज़न प्लेऑफ़ में 195 रन बना लिए हैं, इस मामले में उन्होंने 2016 के सीज़न में 190 रन बनाने वाले वॉर्नर को पीछे छोड़ दिया है। एलिमिनेटर और क्वालीफ़ायर में शानदार प्रदर्शन करने वाले रजत पाटीदार 170 रन बनाकर तीसरे पायदान पर हैं।
बटलर का यह शतक, आईपीएल के प्लेऑफ़ मुक़ाबले में चेज़ करते हुए लगाया गया दूसरा ही शतक है। इससे पहले शेन वॉटसन ने 2018 के फ़ाइनल में सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ लक्ष्य का पीछा करते हुए 117 नाबाद रनों की पारी खेली थी। प्लेऑफ़ मुक़ाबले में यह छठा जबकि राजस्थान रॉयल्स के लिए इस चरण में लगाया गया पहला शतक है।इस सीज़न में सबसे ज़्यादा आठ शतक लगाए गए हैं जो कि आईपीएल के किसी सीज़न में लगाए गए सबसे अधिक शतक हैं। इससे पहले 2016 के सीज़न में कुल सात शतक लगाए गए थे। इसमें से आधे शतक जॉस बटलर के नाम हैं। 2 केएल राहुल के नाम 1 रजत पाटीदार और 1 डेवॉन कॉन्वे के नाम।
शतकीय पारी में भी दबाव महसूस कर रहे थे बटलर
एक पारी शेष रहते हुए जॉस बटलर ने आईपीएल के इस सीज़न में 150 के स्ट्राइक रेट से अब तक 824 रन बना लिए हैं। हालांकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ इस सीज़न की अपनी चौथी शतकीय पारी खेलने के बाद उन्होंने ख़ुद कहा कि वह इस सीज़न में कम उम्मीदों के साथ आए थे।
बटलर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "मैं बहुत कम उम्मीदों के साथ सीज़न में आया था, लेकिन टूर्नामेंट के लिए बहुत सारी ऊर्जा और उत्साह था, जिस तरह से इस टीम के साथ मैंने जो सीज़न बिताया है और टीम को फ़ाइनल में पहुंचता देखना अविश्वसनीय रूप से रोमांचक है।" बटलर के लिए यह सीज़न उतार-चढ़ाव से भरा रहा। वह पिछले तीन हफ़्ते से बिना कोई अर्धशतक बनाए प्लेऑफ़ में बल्लेबाज़ी करने आए थे। इस अवधि में वह तीन मुक़ाबलों में 10 का आंकड़ा भी नहीं छू पाए जबकि उनका उच्चतम स्कोर 30 रहा। बटलर इससे विचलित हो गए थे, उन्होंने जितना दबाव को दबाने की कोशिश की वह उतना ही बढ़ता चला गया।
बटलर ने अपने ऊपर आए दबाव के अनुभव को साझा करते हुए कहा, "मैंने अपने आसपास के कुछ क़रीबी लोगों और कुमार संगकारा (राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक) और ट्रेवर पेनी (सहायक कोच) के साथ कुछ ईमानदार बातचीत की। मैं थोड़ा दबाव महसूस कर रहा था। मैं विचलित हो रहा था, और मैंने इसे दबाने की कोशिश की, लेकिन एक या दो हफ़्ते के बाद मैंने खुलकर बात करना शुरू कर दिया और इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। मैं कोलकाता (क्वालीफ़ायर 1 के लिए) गया और ज़ाहिर है कि उस पारी ने मुझे आज बहुत अधिक आत्मविश्वास दिया।"
क्वालीफ़ायर में गुजरात के ख़िलाफ़ खेली 89 रनों की पारी में बटलर ने तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ बढ़िया शुरुआत की। हालांकि स्पिन और ख़ासकर राशिद ख़ान के ख़िलाफ़ वह लय तलाशने में जूझते हुए दिखाई दिए। डेथ ओवरों में उन्होंने इसकी भरपाई कर दी। बटलर ने 16वें ओवर से गियर बदलते हुए अगली 18 गेंदों पर 50 रन ठोक डाले। हालांकि उनकी इस मेहनत पर पानी फिर गया और राजस्थान यह मुक़ाबला हार गई। दो दिन बाद, वह अहमदाबाद पहुंचे, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि उनके पास सर्वोत्तम संभव तैयारी थी।
बटलर ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं आज बहुत उत्साहित होकर आया था। एक लाख लोगों के सामने खेलने का विचार अद्भुत था। हमें खाली मैदानों में खेलते हुए दो साल हो गए हैं। यही आईपीएल है, लोगों का अविश्वसनीय समर्थन, एक शानदार स्टेडियम और क्रिकेट का शानदार खेल - मैंने इसका इतना आनंद लिया।