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वाह राजस्थान! औरेंज कैप जोस बटलर के पास तो पर्पल कैप युजवेंद्र चहल के पास

हमें फॉलो करें वाह राजस्थान! औरेंज कैप जोस बटलर के पास तो पर्पल कैप युजवेंद्र चहल के पास
, मंगलवार, 19 अप्रैल 2022 (16:02 IST)
राजस्थान रॉयल्स के लिए यह सत्र शुरुआत से ही सपने जैसा जा रहा है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 6 मैच बाद यह टीम टॉप 2 में होगी। राजस्थान ने कितना बेहतरीन खेल दिखाया है इसका अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि औरेंज और पर्पल कैप दोनों ही राजस्थान के पास है।

जॉस बटलर ने तो अपना दूसरा शतक आईपीएल 2022 में लगा दिया। ऐसे टूूर्नामेंट में जहां बल्लेबाज अपने फॉर्म के लिए जूझ रहे हो आईपीएल के पहले 30 मैचों में 2 शतक लगाना एक खास बात है। अपने 6 मैचों की 6 पारियों में जॉस बटलर 75 की शानदार औसत और 156 की बेहतरीन स्ट्राइक रेट से 375 रन बनाए हैं।

उनसे नीचे कोलकाता के कप्तान है जो करीब बटलर से 150 रन पीछे हैं। चहल की हैट्रिक का पहला शिकार बनने वाले श्रेयस अय्यर अब तक 236 रन बना चुके हैं। इसका मतलब यह है कि बटलर के पास यह कैप खासी देर तक रहने वाली है।
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वहीं पर्पल कैप की बात करें तो यह कल कमाल की हैट्रिक ले चुके युजवेंद्र चहल के पास है। युजवेंद्र चहल अब तक इस सत्र में वह 6 मैचों में 24 ओवर डालकर 176 रन देकर 17 विकेट ले चुके हैं। कल कोलकाता के खिलाफ किया गया उनका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है जिसमें उन्होंने 40 रन देकर 5 विकेट लिए थे। जिसमें एक हैट्रिक भी शामिल थी।

इसके अलावा चहल के आस पास भी कोई गेंदबाज नजर नहीं आ रहा है। दूसरे नंबर पर हैदराबाद के गेंदबाज टी नटराजन है। उन्होंने अब तक 12 विकेट लिए हैं। यानि की चहल भी लंबे समय तक पर्पल कैप रख सकते हैं।
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औरेंज कैप होल्डर ने लिया पर्पल कैप होल्डर का इंटरव्यू

मैच के बाद शतकवीर जॉस बटलर और 5 विकेट लेने वाले युजवेंद्र चहल के बीच बातचीत हुई। जिसका छोटा अंश ट्विटर पर भी अपलोड किया गया। इस वीडियो में जॉस बटलर युजवेंद्र चहल का इंटरव्यू लेते हुए दिख रहे है।
हैट्रिक सहित पांच विकेटों की बदौलत प्लेयर ऑफ़ द मैच बने लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल ने मैच के बाद कहा,'मैं जानता था कि मुझे उस ओवर में विकेट लेने थे। इसलिए मैंने ऑफ़ स्टंप के बाहर गेंद रखने की योजना बनाई। मैंने कल ही कोच और कप्तान से बातचीत की थी। हैट्रिक गेंद पर मैं जानता था कि कमिंस गुगली का इंतज़ार कर रहे थे। गुगली गेंद पर मुझे छक्का लगा था और मैं जोखिम नहीं लेना चाहता था। मैं बस डॉट गेंद डालना चाहता था। (लखनऊ के ख़िलाफ़ हैट्रिक गेंद पर छूटे कैच पर) यह क्रिकेट में होता रहता है।

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