चेन्नई सुपर किंग्स पहली बार आईपीएल इतिहास में अपने पहले दोनों मैच हारने के बाद पंजाब किंग्स के विरुद्ध रविवार को होने वाले मुकाबले में अपना खाता खोलने के लिए बेताब होंगे।
हेड टू हेड रिकॉर्ड
हेड टू हेड रिकॉर्ड की मानें तो लगभग चेन्नई की एक हफ्ते से ज्यादा की जीत की तलाश कल खत्म हो सकती है। आमने सामने की बात हो तो चेन्नई पंजाब पर भारी पड़ती है। कुल 25 मैचों में 15 में चेन्नई ने बाजी मारी है और 10 में पंजाब ने मैच जीते हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स की बल्लेबाजी में दिखती है गहराई -
चेन्नई की बल्लेबाज़ी में काफ़ी गहराई नज़र आ रही है। न्यूज़ीलैंड के एडम मिल्ने के खाते में चार प्रथम श्रेणी अर्धशतक और एक लिस्ट ए अर्धशतक भी है। पिछले सीज़न की तरह टीम में अब फाफ़ डुप्लेसी भी नहीं हैं लेकिन उनकी कमी चेन्नई को उतनी नहीं खल रही है। गायकवाड़ ने साल 2021 के आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाए थे।
रॉबिन उथप्पा ने पिछले सीज़न उन्होंने कुछ शानदार पारियों के साथ चेन्नई की टीम को जीत दिलाने का काम किया था पहले मैच में भी वह रंग में दिखे थे दूसरे में तो उन्होंने अर्धशतक जड़ा था। वहीं मोइन के जुड़ने से टीम को एक ऑलराउंडर मिला, लखनऊ के खिलाफ उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए। डेवोन कॉन्वे औसत प्रदर्शन के बाद भी सलामी बल्लेबाजी ही करेंगे। कॉन्वे को लेकर चेन्नई के मुख्य कोच स्टीवन फ्लेमिंग काफ़ी आश्वस्त है और उन्होंने कॉन्वे की काफ़ी तारीफ़ भी की है। मुंबई के ऑलराउंडर शिवम दुबे पिछले मैच में फ्लॉप हुए थे उन्हें शायद ही जगह मिले।
पंजाब की है सशक्त बल्लेबाजी
पिछले मैच में भले ही पंजाब के बल्लेबाजों ने निराश किया था लेकिन फिर भी पंजाब की सशक्त बल्लेबाजी है। पंजाब किंग्स के पास शिखर धवन और नए कप्तान मयंक अग्रवाल के रूप में एक अनुभवी सलामी जोड़ी है।किंग्स की बल्लेबाज़ी लाइन अप एक टी20 टीम की परफ़ेक्ट लाइन अप है, और बल्लेबाज़ी सलाहकार के रूप में पावर हिटिंग विशेषज्ञ जूलियन वुड की नियुक्ति इस बात का एक और संकेत है कि वे इस सीज़न में कैसा खेलना चाहते हैं।
शाहरुख ख़ान और ओडिन स्मिथ सुनिश्चित करते हैं कि विस्फोटक बल्लेबाज़ी जारी रहेगी, जबकि हरप्रीत बराड़ और रबादा गहराई प्रदान करते हैं। दूनिया भर में घूम-घूम कर क्रिकेट खेलने वाले ऑलराउंडर बेनी हॉवेल, स्मिथ का बैक-अप हैं।फिनिशर्स की बदौलत ही टीम ने पहले मैच में 205 रनों का स्कोर पा लिया था।
राहुल चाहर और बराड़ स्पिन विभाग की ज़िम्मेदारी संभालेंगे। चाहर अपने तेज़ लेगब्रेक से बल्लेबाज़ों को परेशान कर सकते हैं, जबकि आईपीएल 2021 में दस ओवर से अधिक गेंदबाजी करने वालों में बराड़ (6.04) की इकॉनमी सबसे अच्छी थी।
चेन्नई सुपर किंग्स के पास गेंदबाजों की कमी
दीपक चाहर के चोटिल होने से सीएसके के गेंदबाज़ी आक्रमण को झटका लगा है। हालांकि सीएसके के लिए चिंता का सबब यह है कि चाहर के विकल्प में जो गेंदबाज़ हैं उनमें से एक भी गेंदबाज़ पावरप्ले का स्पेशियलिस्ट नहीं है। इसका खामियाजा पिछले 2 मैचों में भुगतना पड़ा है।
टीम में एक अग्रणी रिस्ट स्पिनर की कमी भी सीएसके के लिए चिंता का सबब है। अब तक सीएसके के लिए नेट्स में गेंदबाज़ी करने वाले प्रशांत सोलंकी ही सीएसके के पास बतौर रिस्ट स्पिनर मौजूद हैं। हालांकि आईपीएल का पिछला खिताब अपने नाम करने वाली सीएसके लेग स्पिनर कर्ण शर्मा के बगैर ही खेली थी।
महंगे पड़ रहे हैं पंजाब के गेंदबाज
पंजाब किंग्स की सबसे बड़ी कमजोरी यह दिख रही है कि उसके गेंदबाज बहुत से रन लुटा रहे हैं। बैंगलोर से भले ही टीम जीत गई थी लेकिन उसे 200 से ज्यादा रन खाने पड़ गए थे। इसके अलावा कोलकाता के आंद्रे रसेल ने 30 गेंदो में 71 रन बनाए और पंजाब के गेंदबाजों की हालत टाइट कर दी। सिर्फ 14 ओवरों में ही कोलकाता ने 140 रन बना लिए। यह टीम के नेट रन रेट पर असर डाल रहा है।
इन खिलाड़ियों पर होगी निगाहें
चेन्नई को इस मुकाबले में जीत हासिल करनी है तो ऋतुराज गायकवाड को इस मैच में चलना होगा। पहले दो मुक़ाबलों में ऋतुराज गायकवाड का जल्दी आउट होना ( 0 और 1) चेन्नई के लिए एक बड़ी क़ीमत रही है। पिछले साल के ऑरेंज कैप विजेता ऋतुराज का अनोखा रिकॉर्ड है कि जब उन्होंने बतौर ओपनर 30 या उससे अधिक का स्कोर बनाया है तो उनकी टीम 13 में से 12 मैच जीती है। ऐसे में चेन्नई की जीत का प्रतिशत 92.3 होता है। यही आंकड़ा उनके 30 से कम रन बनाने पर 22.2 प्रतिशत तक गिर जाता है।
चेन्नई के लिए पहले दो मैचों में बहुत कुछ सुखद भले ही नहीं हुआ है लेकिन ड्वेन ब्रावो की गेंदबाज़ी ने उन्हें 3/20 और 1/35 के विश्लेषण दिए हैं। 2019 और 2020 के सीज़न के दौरान फ़ॉर्म और फ़िटनेस से परेशान ब्रावो ने 30 की औसत और 21.9 के स्ट्राइक रेट से 18 पारियों में सिर्फ़ 17 विकेट लिए थे। उसके बाद से उन्होंने केवल 13 पारियों में एक ज़्यादा विकेट लिया है और औसत और स्ट्राइक रेट भी घटकर 17.7 और 13.9 हो गए हैं। एक शक्तिशाली और आक्रामक बल्लेबाज़ी क्रम के विरुद्ध उनका अनुभव और आख़िर के ओवर में लंबाई पर नियंत्रण अनमोल होगा।
अंबाती रायडू का प्रदर्शन ना बहुत अच्छा कहा जा सकता है और ना बहुत बुरा। वह 20 -30 का योगदान देकर डगआउट में जाकर बैठ जाते हैं। ऐसे में जड़ेजा को चाहिए कि वह पिच पर थोड़ा ज्यादा समय बिताएं।
इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो वेस्टइंडीज़ में हुई टेस्ट सीरीज़ के बाद टीम के साथ जुड़ेंगे। आईपीएल में अप्रैल 1 के बाद तक कुल 78 बल्लेबाज़ों ने 1000 से अधिक रन बनाए हैं और उनमें सिर्फ़ पांच बल्लेबाज़ों की औसत 40 के ऊपर की है। बेयरस्टो के 41.5 की औसत से बनाए 1038 रन उन्हें उस विशेष श्रेणी में डालते हैं। हालांकि बेयरस्टो को अधिकांश सफलता बतौर ओपनर मिली है। उन्होंने नंबर चार पर दो ही पारियां खेली हैं लेकिन उसमें उनकी औसत और स्ट्राइक रेट 42.2 और 143 से गिरकर 33.5 और 126 के बन जाते हैं।
वैसे आंकड़ों के मामले में कगिसो रबाडा पिछले कुछ सीज़न से आईपीएल के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ रहे हैं। 2019 के बाद से उनके लिए गए 71 विकेट आईपीएल में किसी भी गेंदबाज़ से ज़्यादा हैं। ऊपर से आईपीएल में 50 या उससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में रबादा का स्ट्राइक रेट (15 के स्ट्राइक रेट से 51 पारियों में 77 विकेट) सबसे अच्छा है। हालांकि उनका रिकॉर्ड चेन्नई के ख़िलाफ़ काफ़ी साधारण रहा है। पांच पारियों में केवल पांच विकेट लेते हुए 22.4 का उनका स्ट्राइक रेट किसी भी विपक्षी टीम से ज़्यादा है। पिछले सीज़न चेन्नई के ख़िलाफ़ दो मैचों में मिलाकर उन्होंने बिना कोई विकेट लिए सात ओवर डाले थे और वह उम्मीद करेंगे कि इस रिकॉर्ड को बेहतर बना सकें।
12 करोड़ से ज्यादा की राशी में खरीदे गए लियाम लिंग्वस्टोन ने पहले मैच में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। गेंदबाजी में वह 1 ओवर में 14 रन देने के बाद जब बैंगलोर के खिलाफ बल्लेबाजी के लिए उतरे तो 2 छक्के लगाकर 10 गेंदो में 19 रन बना पाए। लेकिन एक लंबी पारी नहीं खेल पाए।
ऐसा ही कुछ दूसरे मैच में हुआ, वह बल्लेबाजी में वह 16 गेंदो में सिर्फ 19 रन बना पाए जबकि गेंदबाजी में उन्हें सिर्फ 3 गेंदे मिली जिस पर उन्होंने 13 रन दिए।अब उनको अपने छवि के अनूरूप प्रदर्शन करना होगा।