महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी अलग प्रकार की है। धोनी की कप्तानी की हमेशा तारीफ हुई है और कोहली की कप्तानी की समय समय पर आलोचना होती रही है। यह क्रम आईपीएल में भी देखने को मिला है।
दोनों ही खिलाड़ियों ने लंबे समय तक अपने फ्रैंचाइजी की कप्तानी संभाली है। दो सीजन को छोड़ दे तो महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी में साधारण से दिखने वाले खिलाड़ियों को तराशा है। दोनों ही खिलाड़ियों की फैना फॉलोइंग बड़ी है इस कारण दोनों की हर पैमाने पर तुलना होती रहती है।
महेंद्र सिंह धोनी
आईपीएल 2020 में कुल 14 मैचों में महेंद्र सिंह धोनी महज 200 रन बना पाए थे। उन्होने कुल 16 चौके और 7 छक्के लगाए थे। लचर प्रदर्शन के बाद भी फ्रेंचाइजी ने माही को न केवल रीटेन किया है, बल्कि कप्तान भी बनाए रखा है।
क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी का आईपीएल में कप्तानी के रिकॉर्ड के आस पास कोई दूसरा कप्तान नहीं है। धोनी ने 188 आईपीएल मैचों में कप्तानी की है और रिकॉर्ड 110 मैचों में टीम जीती है। हालांकि आईपीएल 2020 में धोनी की कप्तानी में चेन्नई की टीम 14 मैचों में से 8 मैच हारी थी और 6 जीती थी।
इस सीजन में माही अपना रिकॉर्ड सुधारना चाहेंगे क्योंकि भले ही वह आईपीएल के सबसे सफल कप्तान हैं लेकिन टीम के लिए एक और खराब सीजन उनको साल 2022 में कप्तान बनाए रखने के लिए काफी नहीं होगा। धोनी की कप्तानी में चेन्नई 3 बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम कर पायी है।
विराट कोहली
विराट कोहली जितने अच्छे बल्लेबाज है उतने ही साधारण कप्तान हैं। खासकर आईपीएल की कप्तानी की बात की जाए तो वह महेंद्र सिंह धोनी के ठीक आधे हैं। उनकी कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर एक बार भी आईपीएल नहीं जीत पायी है।
विराट कोहली ने कुल 125 आईपीएल मैचों मेें सिर्फ 55 में ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को जीत दिला पाए हैं। उनकी कप्तानी में सिर्फ साल 2016 में टीम फाइनल खेल पायी है। पिछले साल भी एलिमिनेटर में उसे सनराइजर्स हैदराबाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। आईपीएल 2020 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 14 मकुाबलों में से सिर्फ 7 मैच जीते थे।
हालांकि महेंद्र सिंह धोनी अब अपने आईपीएल करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। साल 2022 तक वह खेलेंगे तो जरूर लेकिन यह निर्णय आईपीएल 2021 के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। वहीं कोहली की कप्तानी से कई लोग नाराज है लेकिन फ्रैंचाइजी उन पर अटूट विश्वास करे हुए हैं।
हालांकि विश्वास की भी एक समय सीमा होती है। अगर इस सीजन कोहली फ्रैंचाइजी को कप नहीं दिलवा पाए तो हो सकता है फ्रैंचाइजी एक अलग नाम पर विचार करे। (वेबदुनिया डेस्क)