KKR फैंस के लिए खुशखबरी, फाइनल कभी नहीं हारी है शाहरुख की टीम

Webdunia
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (13:00 IST)
रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे मुकाबले में गेंद दर गेंद पासा पलटता रहा लेकिन एक गेंद बाकी रहते राहुल त्रिपाठी के छक्के के दम पर कोलकाता नाइट राइडर्स ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर आईपीएल फाइनल में जगह बना ली जहां सामना चेन्नई सुपर किंग्स से होगा ।

आईपीएल के मौजूदा सत्र के सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक दूसरे क्वालीफायर में 136 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए केकेआर को आखिरी दो गेंद में छह रन की जरूरत थी और सामने रविचंद्रन अश्विन के हाथ में गेंद थी । अश्विन इस ओवर में तीसरी और चौथी गेंद पर विकेट लेने के बाद हैट्रिक पर थे लेकिन त्रिपाठी ने पांचवीं गेंद को सीमा के पार पहुंचाकर पहली बार आईपीएल जीतने का दिल्ली का सपना तोड़ दिया ।

यह तीसरी मर्तबा कोलकाता की टीम फाइनल में पहुंची है। कोलकाता के फैंस के लिए अच्छी खबर यह है कि फाइनल में कोलकाता का 100 प्रतिशत रिकॉर्ड रहा है। यानि कि जब भी कोलकाता फाइनल में पहुंची है तो ट्रॉफी जीतकर ही वापस लौटी है। कुल 2 बार कोलकाता आईपीएल के फाइनल में पहुंची है और दोनों बार ट्रॉफी अपने नाम की है। आइए जानते हैं क्या हुआ 2012 और 2014 के फाइनल के  उन दो मुकाबलों में।

आईपीएल 2012 फाइनल कोलकाता ने चेन्नई को 5 विकेट से हराया

दिलचस्प बात यह है जब कोलकाता पहली बार फाइनल में पहुंची थी तो उसका सामने दो बार की चैंपियन चेन्नई से हुआ था। कोलकाता नाइटराइडर्स ने उतार-चढ़ाव से भरे रोमांचक फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स पर पांच विकेट की जीत दर्ज करके पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता। इस जीत से शाहरुख खान के स्वामित्व वाली केकेआर ने चेन्नई का लगातार तीसरा खिताब जीतने का सपना भी चकनाचूर कर दिया।

चेन्नई का यह चौथा आईपीएल फाइनल था और उसने पहले बल्लेबाजी की। माइकल हसी (43 गेंद पर 54 रन) और मुरली विजय (32 गेंद पर 42) ने पिछले साल के फाइनल की तरह टीम को अच्छी शुरुआत ‍दिलाई। बाद में रैना (38 गेंद पर 73) ने पांच छक्के जड़कर टीम को तीन विकेट पर 190 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।

केकेआर की जीत के नायक सलामी बल्लेबाज मानविंदर बिस्ला रहे। उन्होंने 48 गेंद पर आठ चौकों और पांच छक्कों की मदद से 89 रन बनाए। जैक कैलिस ने 49 गेंद पर 69 रन की पारी खेली। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 136 रन की साझेदारी की, जो आखिर में निर्णायक साबित हुई।

केकेआर ने 19.4 ओवर में पांच विकेट पर 192 रन बनाकर चेन्नई के स्कोर को बौना साबित कर दिया। गौतम गंभीर की अगुवाई वाली केकेआर की टीम पहली बार फाइनल में पहुंची थी और उसी में चैंपियन बनने में सफल रही। अंतिम क्षणों में हालांकि मैच काफी तनावपूर्ण बन गया था, लेकिन आखिर में शाहरुख की बेटी सुहाना केकेआर के लिए भाग्यशाली साबित हुई। सुहाना जिस मैच में भी मौजूद रही उसमें केकेआर को जीत मिली।

अब आखिरी ओवर में नौ रन की दरकार थी तथा मनोज तिवारी (तीन गेंद पर नाबाद नौ रन) ने ड्वेन ब्रावो की तीसरी और चौथी गेंद पर चौका जड़कर शाहरुख एंड कंपनी को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। वैसे केकेआर की जीत की नींव बिस्ला और कैलिस ने रखी।

हरियाणा के रहने वाले 27 वर्षीय बिस्ला ने कप्तान गौतम गंभीर (चार गेंद पर दो रन) के पहले ओवर में ही आउट होने के बाद कुछ दर्शनीय शॉट लगाकर केकेआर के दर्शकों को निराश नहीं होने दिया। हिल्फेनहास ने गंभीर के बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालकर उनका ऑफ स्टंप उखाड़ दिया था। पहले तीन ओवर में केवल 16 रन बने। यहां से बिस्ला ने केकेआर की उम्मीदों को पंख लगाए।

उन्होंने एल्बी मोर्कल के ओवर में चार चौके जड़कर शुरुआत की और फिर रविचंद्रन अश्विन का दो छक्कों से स्वागत किया। वह अलग बात है कि इसी ओवर में 38 रन के निजी योग पर हिल्फेनहास ने उनका मुश्किल कैच छोड़ा। बिस्ला ने ड्वेन ब्रावो का स्वागत भी मिडऑफ पर छक्का लगाकर किया। उन्होंने केवल 27 गेंद पर अपने करियर का चौथा अर्धशतक पूरा किया और फिर ब्रावो के अगले ओवर में पहले चौका और फिर छक्का जमाया। इससे केकेआर दसवें ओवर तक सैकड़ा पूरा कर गया।

लक्ष्मीरतन शुक्ला (3) भी आते ही डगआउट में पहुंच गए, लेकिन कैलिस ने दूसरे छोर से रन बनाना जारी रखा। उन्होंने शादाब जकाती पर दो चौके जड़कर अर्धशतक पूरा किया और फिर ब्रावो की दो गेंदों को चौके और छक्के लिए भेजा। अश्विन ने यूसुफ पठान (1) को आउट करके फिर से मैच रोमांचक बनाने की कोशिश की।

इससे पहले विजय और हसी ने पहले विकेट के लिए 87 रन की साझेदारी करके चेन्नई के लिये बढ़िया नींव रखी। ब्रेट ली और शाकिब अल हसन दोनों पहला ओवर किफायती करने के बाद अगले ओवर में पिट गए जिसके बाद गंभीर को अपने तुरुप के इक्के सुनील नरेन को गेंद सौंपनी पड़ी। ली छठा ओवर करने आए जिसमें विजय और हसी दोनों ने छक्के जमाए। इससे चेन्नई तीन ओवर में केवल दस रन बनाने के बावजूद पॉवरप्ले के छह ओवर में 54 रन जुटाने में सफल रहा।

इन दोनों की साझेदारी 11वें ओवर में रजत भाटिया ने तोड़ी। उनकी धीमी गेंद को विजय ने स्क्वायर लेग पर भेजना चाहा, लेकिन वह सही तरह से उनके बल्ले पर नहीं आई और शाकिब ने डाइव लगाकर उसे कैच में बदल दिया। विजय ने चार चौके और एक छक्का लगाया।

रैना ने ली की शॉर्ट पिच गेंद पर छक्का जमाने के बाद नरेन को भी नहीं बख्शा। उन्होंने इस रहस्यमयी स्पिनर की गेंद को भी डीप मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजकर केवल 27 गेंद पर अपना पचासा पूरा किया।

रैना ने शाकिब की पारी की आखिरी गेंद पर डीप मिडविकेट पर कैच थमाया। इससे पहले हसी ने कैलिस की गेंद पर बोल्ड होने से पहले अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाए। उनका स्थान लेने के लिए आए धोनी (नौ गेंद पर 14 रन) ने कैलिस के इसी ओवर में दो चौके लगाए।

आईपीएल 2014 फाइनल- कोलकाता ने पंजाब को 3 विकटों से हराया

आईपीएल में भारत के पहले शतकवीर मनीष पांडे की 94 रन की बेजोड़ पारी आखिर में रिद्धिमान साहा के शानदार शतकीय प्रयास पर भारी पड़ गई, जिससे कोलकाता नाइटराइडर्स ने पहली बार फाइनल में पहुंचे किंग्स इलेवन पंजाब को उतार-चढ़ाव वाले फाइनल में तीन विकेट से हराकर दूसरी बार इस टी20 टूर्नामेंट का खिताब जीता।

इससे पहले 2012 में पहली बार खिताब जीतने वाले केकेआर की जीत के नायक बेंगलुरु के पांडे रहे जिन्होंने अपने घरेलू मैदान पर 50 गेंद पर 94 रन की पारी खेली। इस 24 वर्षीय बल्लेबाज ने सात चौके और छह छक्के लगाए।

उनके अलावा यूसुफ पठान ने चार छक्कों की मदद से 36 रन की पारी खेली लेकिन आखिर में पीयूष चावला (नाबाद 13) भी जीत के नायक बन गए। उन्होंने विषम परिस्थितियों छक्का और विजयी चौका लगाकर टीम का स्कोर 19.3 ओवर में सात विकेट पर 200 रन पर पहुंचाया।

केकेआर की जीत से साहा की बेहतरीन पारी का मजा किरकिरा हो गया। उन्होंने 55 गेंद पर नाबाद 115 रन बनाए, जिसमें दस चौके और आठ छक्के शामिल हैं। उन्होंने सलामी बल्लेबाज मनन वोहरा (67) के साथ 72 गेंदों पर 129 रन की साझेदारी की टीम का स्कोर चार विकेट पर 199 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

किंग्स इलेवन ने आखिरी दस ओवरों में 141 रन बनाए। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरे केकेआर ने अपने पहले ओवर में ही रोबिन उथप्पा (5) का विकेट गंवा दिया।लेकिन मिशेल जानसन की कोण लेती गेंद पर करारा शाट लगाने के प्रयास में उन्होंने प्वाइंट पर कैच दे दिया।

पठान ने करणवीर के अगले ओवर में लगातार दो छक्के लगाए, लेकिन जार्ज बैली से जीवनदान पाने वाले पांडे ने न सिर्फ एक छोर संभाले रखा बल्कि इस बीच करारे शाट भी जमाए। करणवीर पर कवर और परविंदर अवाना के एक ओवर में लगाए गए दोनों छक्के दर्शनीय थे। उन्होंने इस बीच 31 गेंदों पर अपना अर्धशतक भी पूरा किया।

इसके बाद जब पठान ने लक्ष्मीपति बालाजी पर दो छक्के लगाए तो साहा की आक्रामकता पर उछलने वाली किंग्स इलेवन की सह मालकिन प्रीति जिंटा का चेहरा भी उतर गया। करणवीर ने अगले ओवर में जब पठान को कैच आउट कराया तो किंग्स इलेवन के प्रशंसकों में जान आई लेकिन पांडे ने इसी ओवर में एक छक्का और चौका जड़कर उनकी खुशी काफूर कर दी।

शाकिब अल हसन (12) और रेयान टेन डोएसे (4) ज्यादा देर नहीं टिक पाए। पांडे ने इन दोनों को आउट करने वाले करणवीर पर छक्का और चौका लगाकर शतक के करीब पहुंचे लेकिन इसी ओवर की आखिरी गेंद पर बैली को आसान कैच दे बैठे।

जब पांडे आउट हुए तब केकेआर को 18 गेंद पर 21 रन चाहिए थे। ऐसे में जब तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, तब पीयूष चावला ने जानसन पर छक्का जड़कर केकेआर की उम्मीदों पंख लगाए। आखिरी ओवर में केकेआर को जीत के लिए पांच रन चाहिए थे। चावला ने अवाना की फुलटॉस पर विजयी चौका जड़ा।

पंजाब ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करके रक्षात्मक नीति अपनायी लेकिन साहा ने वोहरा के साथ मिलकर इसमें आक्रामकता का पुट भर दिया। वोहरा ने आठवें ओवर में चावला पर पारी का पहला छक्का जड़कर पंजाब के समर्थकों में जोश भरा।

इसके बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम साहा के तूफानी तेवरों का गवाह बना। उन्होंने शाकिब की गेंद पर मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजी तथा चावला पर लगातार दो छक्के लगाए। साहा ने नारायण के विशेष निशाना बनाया और उन पर तीन छक्के और इतने ही चौके लगाए। उन्होंने और वोहरा ने मोर्कल के एक ओवर में छक्के जड़कर उनको भी प्रभावहीन किया।

नारायण के पास साहा से बदला चुकता करने का मौका था लेकिन उन्होंने अपनी ही गेंद पर उनका हवा में लहराता कैच छोड़ दिया। साहा ने इसका फायदा उठाकर 17वें ओवर में उमेश पर पहले दो चौके और फिर साइटस्क्रीन के पास छक्का जमा दिया।

चावला ने अपनी ही गेंद पर दूसरे प्रयास में वोहरा का कैच लिया और फिर आखिरी गेंद पर नए बल्लेबाज मैक्सवेल को थर्ड मैन पर कैच कराया। बिग हिटर मैक्सवेल का रिवर्स स्वीप सीधे मोर्कल के हाथों में चला गया था।

नारायण जब 19वां ओवर करने आए तो साहा ने स्क्वेयर लेग पर छक्का, मिडविकेट पर चौका और फिर लांग आन पर छक्का लगाया। इस छक्के से उन्होंने अपने करियर का पहला टी20 शतक भी पूरा किया। इसके लिए उन्होंने केवल 49 गेंद खेली। केकेआर की तरफ से चावला ने 44 रन देकर दो विकेट लिए।

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