क्रिकेट भारत में पहले से ही मशहूर खेल रहा है इसकी लोकप्रियता में आईपीएल ने चार चांद लगा दिए। फिर इसके बाद आया फैंटेसी गेम जिसमें दोनों ही टीमों से अपने खिलाड़ी चुनकर फैंटेसी टीम बना सकते हैं और अगर उन सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा हुआ तो फैन कुछ रकम जीत सकता है।
अब क्रिकेट के फैंटेसी वर्ल्ड एक कदम आगे बढ़ गया है। अब मैच प्रीडिक्शन पर रुपए में नहीं बल्कि जीतने वाले को क्रिप्टो करेंसी दी जाएगी। क्वाइन डीसीएक्स, भारत के तथाकथित सबसे बड़े क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी।
कैप्शन में लिखा गया कि कॉइन डीसीएक्स को फॉलो कीजिए और रोज जीतिए 100 रुपए के क्रिप्टो क्वाइंन्स। देना होगा बस कुछ आसान से सवालों का जवाबc
पलक झपकते ही यह ट्विटर पर ट्रेंडिग टॉपिक बन गया। यह होना भी था क्योंकि फैंटेसी लीग अमूमन प्लास्टिक मनी से भुगतान कर रही है। यह अकेली ऐसी फेंटेसी लीग है जो लोगों में क्रिप्टो करेंसी बांट रही है।इस लीग का नाम है क्रिकेट क्रिप्टो लीग ।
क्या है क्रिप्टो करेंसी : खास बात यह है कि रुपया, डॉलर, यूरो एवं अन्य मुद्राओं की तरह इस मुद्रा का संचालन किसी देश या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है। इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है।
डिजिटल होने के कारण इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टो करेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है।
सबसे क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत बिटकॉइन के रूप में 2009 में हुई था। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरुआत में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे। 2009 से लेकर अब तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं।
6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है भारतीय ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स उद्योग
ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स, एक डिजीटल स्पोर्ट्स फैन प्लेटफॉर्म है जो भारत में खेलों के व्यूअरशिप बढ़ाने के कार्य का संपादन करता है। इस संस्था ने हाल ही में कुछ आंकड़े प्रस्तुत किए है जिससे यह मालूम चलता है कि फैंटसी लीग आने के बाद खेलों की व्यूअरशिप किस कदर बढ़ी है।
भारत में क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी, बेसबॉल आदि 11 से अधिक टीम खेलों के लिए ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स मैच उपलब्ध हैं।
कोन एडवाइजरी ग्रुप द्वारा प्रकाशित एक उपभोक्ता सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 67% से अधिक उपभोक्ता ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स को खेल से जुड़ने का एक अनूठा तरीका मानते हैं, और उनमें से 70% ने नए खेल, लीग और खिलाड़ियों का पता लगाने के लिए इससे जुड़ना मुनासिब समझा।
हालिया शोध से पता चलता है कि 60% उपभोक्ता ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स के कारण पहले की तुलना में खेलों को अधिक देखते हैं या अनुसरण करते हैं।
वहीं 59% उपभोक्ता ने ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स के कारण नए प्रकार के खेल देखना शुरू किए हैं। कुल 48% उपभोक्ता अब हर खेल में रूचि रखते हैं, फिर उसमें उनकी मनपसंदीदा या घरेलू टीम हो चाहे ना हो।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों खेलों को बढ़ावा देने के अलावा, भारतीय ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स उद्योग 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो चुका है। ऑनलाइन फैंटसी स्पोर्ट्स उद्योग वित्त वर्ष 20-21 में करों के माध्यम से 1500 करोड़ रुपये का योगदान देगा, जो अगले 3 वर्षों में बढ़कर 10, हजार करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।