नई दिल्ली। आज के इस दौर में नैतिकता और व्यावहारिकता पर बहुत बहस होती है। कई बार दिल नैतिकता की तरफ झुकता है और दिमाग व्यवहारिकता अपनाने के बारे में सोचता है। इस जंग को जीतना आसन नहीं। व्यावहारिकता को तरजीह देने वाले उपलब्धि तो पा लेते हैं पर दिल में मलाल रह जाता है। वहीं नैतिकता आजमाने वाले भले ही दिल जीत लें पर उपलब्धि उनसे दूर हो जाती है।
ऐसा ही कुछ हुआ ऋषभ पंत के साथ जिन्होंने मैदान पर खेल भावना का प्रदर्शन किया। 49 के स्कोर पर ऋषभ पंत भुवनेश्वर कुमार का सामना कर रहे थे। उन्होंने गेंद को गेंदबाज की तरफ धकेल दिया। गेंदबाज गेंद उठाने के चक्कर में गिरकर चोटिल हो गए। इसी दौरान गेंद लुढ़कते हुए स्टंप्स को पार कर गई। दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज ने पंत से सिंगल लेने को कहा, जिससे उनके 50 रन पूरे हो जाएं लेकिन पंत ने रन लेने से मना कर दिया। उनकी इस खेल भावना की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।
हालांकि दरियादिली उनके हक में गई नहीं क्योंकि इसकी 2-3 गेंद बाद ही पंत का विकेट गिर गया। पंत ने 21 गेंदो में 2 चौके और 5 छक्कों की मदद से 49 रन बनाए। मैच भी काफी नजदीक गया। 19.5 गेंद पर दिल्ली कैपिटल्स ने सनराइजर्स हैदराबाद पर दो विकेट से जीत दर्ज की। अब ऐसे में ऋषभ पंत ने सही किया या नहीं, यह बहस का विषय हो सकता है। गौरतलब है कि ऋषभ पंत विश्वकप जाने वाली भारतीय टीम में शामिल नहीं है।