मोहाली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के ताकतवर हाथों ने टीम को कई मैचों में विजेता बनाया है और शायद इसीलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पीठ दर्द के बाद भी गेंद को सीमा रेखा के पार भेजने का उनमें आत्मविश्वास है। लॉफ्टेड शॉट के लिए बल्लेबाज को शरीर इस तरह रखना होता है कि वजन शॉट पर हो।
किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ रविवार को खेले गए आईपीएल मैच में धोनी हालांकि चोट से परेशान थे फिर भी वे गेंद को आसानी से सीमा रेखा के पार भेज रहे थे। धोनी की 44 गेंदों में नाबाद 79 रन की ताबड़तोड़ पारी के बूते सुपरकिंग्स की टीम लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गई थी हालांकि टीम 4 रन से मैच हार गई।
धोनी से जब पूछा गया कि पीठ दर्द के बाद भी वे लॉफ्टेड शॉट कैसे मार रहे थे? तो धोनी ने कहा कि दर्द के कारण पीठ की स्थिति काफी खराब है, लेकिन भगवान ने मुझे ताकत दी है और शॉट खेलने के लिए मुझे पीठ का ज्यादा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं। मेरे हाथ ये काम कर सकते हैं।
धोनी ने हालांकि कहा कि यह बहुत गंभीर चोट नहीं है और यह बहुत बुरा नहीं होना चाहिए, क्योंकि मुझे पता है क्या हुआ है? जब आपको अपनी चोट की गंभीरता के बारे में पता हो तो आप जानते हैं कि यह कितना बुरा है? (भाषा)