भारत के भगोड़े इस्लामी धर्म प्रचारक डॉ. जाकिर नाइक की आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल वह मलेशिया में रह रहा है और वहां भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जाकिर मलेशिया के मुसलमानों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काकर वहां सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहा है।
जाकिर का कहना है कि मलेशिया में रह रहे हिन्दुओं की निष्ठा मलेशिया के प्रति नहीं है। वे प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से ज्यादा नरेंद्र मोदी के प्रति वफादार हैं। वह हिन्दुओं के खिलाफ झूठी खबरें फैलाने का काम भी कर रहा है। हालांकि खबर यह भी है कि ऐसा करके जाकिर ने अपने लिए ही गड्ढा खोद लिया है। उल्लेखनीय है कि मलेशियाई में हिन्दुओं की आबादी 35 से 40 फीसदी है।
मलेशियाई सरकार के मंत्री भी अब जाकिर के खिलाफ हो गए हैं। सरकार का मानना है कि यह तथाकथित धर्मप्रचारक मलेशिया का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का ही काम कर रहा है। तीन साल से मलेशिया में रह रहे जाकिर को सरकार ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। अब तो यह भी कहा जा रहा है कि इस भगोड़े को भारत सरकार को सौंप देना चाहिए।
होगी पूछताछ : मलेशिया के गृहमंत्री मुहिद्दीन यासिन के अनुसार नाइक एवं कुछ और लोगों से इस संबंध में सरकार पूछताछ करेगी। सबूत होने पर मलेशियाई दंड संहिता की धारा 504 (किसी समुदाय को नीचा दिखाना) के तहत जाकिर पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
भारत को सौंपने की मांग उठी : मलेशिया के मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने जाकिर नाइक को भारत को सौपने की मांग की है। कुलसेगरन का कहना है कि नाइक सामुदायिक घृणा फैलाने की साजिश रच रहा है। ऐसे में वह मलेशिया में रहने का हकदार नहीं है।
उन्होंने कहा कि जाकिर भगोड़ा है और मलेशिया के इतिहास के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। भारत में उस पर गंभीर आरोप है। अत: उसे भारत को सौंप देना ठीक रहेगा, जहां वह अपने ऊपर लगे आरोपों का सामना करेगा। जाकिर पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं।
कौन है जाकिर नाइक : जाकिर खुद को मुस्लिम धर्म प्रचारक कहता है और ढाका में हुए आतंकवादी हमले के बाद उस नफरत फैलाने के आरोप लगे थे। ऐसा कहा जाता है कि वह गीता के श्लोक और वेद मंत्रों की भी गलत व्याख्या करता है। जाकिर ने कई मदरसे खोले साथ ही 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना कर वह मदरसों में मुस्लिम युवाओं को कट्टरता की ट्रेनिंग देने लगा। वह 30 से ज्यादा देशों में 2000 से अधिक व्याख्यान दे चुका है।