बीजिंग। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बुधवार को कहा कि कश्मीर में स्थिति पर चीन करीबी नजर रखे हुए है और यह बात स्पष्ट है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि संबद्ध पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए इस मामले को सुलझा सकते हैं।
शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए इस सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे। शी ने खान को यहां एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है।
शी की इमरान से मुलाकात : खान ऐसे समय में चीन की यात्रा पर यहां पहुंचे हैं, जब बीती 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। शी ने यहां सरकारी अतिथिगृह में खान से मुलाकात के दौरान कहा कि वे नए दौर में साझे भविष्य वाला चीन-पाकिस्तान समुदाय स्थापित करने की खातिर पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।
खान ने शी को कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख के बारे में जानकारी दी और कहा कि पाकिस्तान, कश्मीर पर चीन के वस्तुनिष्ठ एवं निष्पक्ष नजरिए की बहुत कद्र और सराहना करता है। खान की बीजिंग यात्रा के समापन पर जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पाकिस्तान ने चीन को अपनी चिंताओं, रुख और मौजूदा अत्यावश्यक मामलों समेत जम्मू-कश्मीर में हालात की जानकारी दी।
चीन की जम्मू-कश्मीर के हालात पर नजर : बयान में कहा गया कि चीन ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात पर करीब से नजर रखे हुए है। उसने दोहराया कि कश्मीर मुद्दा इतिहास से मिला विवाद है और उसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबद्ध प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर उचित और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। इसमें कहा गया कि चीन ऐेसे किसी भी एकतरफा कदम का विरोध करता है, जो हालात को जटिल बनाता हो।
दोनों दोनों देशों ने रेखांकित किया कि एक शांतिपूर्ण, स्थिर, सहयोगी और समृद्ध दक्षिण एशिया में ही सभी पक्षों का हित है। सभी पक्षों को समानता एवं आपसी सम्मान के आधार पर वार्ता के जरिए क्षेत्र के विवादों एवं मामलों को सुलझाना चाहिए।
इससे पहले शिन्हुआ समाचार समिति ने कहा कि शी ने खान से कहा कि चीन, कश्मीर की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और यह बात स्पष्ट है। सरकारी 'चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क' (सीजीटीएन) ने भी कहा कि राष्ट्रपति शी ने भरोसा दिलाया कि चीन, कश्मीर में हालात पर नजर रखे हुए है।
चीन का पाक को समर्थन : चैनल के अनुसार शी ने खान से कहा कि चीन, पाकिस्तान के जायज हितों की रक्षा के लिए उसका समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि संबंधित पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए विवाद सुलझा सकते हैं। शी ने कहा कि चीन, पाकिस्तान के साथ संबंधों को हमेशा कूटनीतिक प्राथमिकता मानता है और वह इसके मूल हितों से जुड़े मामलों एवं उसकी बड़ी चिंता पर उसका मजबूती से समर्थन करता रहेगा।
उन्होंने दोनों पक्षों से उच्चस्तरीय वार्ता जारी रखने, रणनीतिक संवाद बढ़ाने और बड़े मामलों पर रुखों को समय के अनुसार समन्वित करने की अपील की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक शी ने सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए आतंकवाद के खिलाफ प्रयास तेज करने का संकल्प लिया।
शी ने चीन और पाकिस्तान को सदा के लिए एक रणनीतिक सहयोग वाला साथी बताया और कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में क्या बदलाव आ रहे हैं, चीन और पाकिस्तान के बीच की मित्रता हमेशा अटूट और चट्टान की तरह मजबूत है। चीन और पाकिस्तान के बीच हमेशा से जीवंत सहयोग बना रहा है।
इमरान का चीन का तीसरा दौरा : इमरान खान पिछले वर्ष अगस्त माह में प्रधानमंत्री बने थे, उसके बाद से उनका यह तीसरा चीन दौरा है। उनका यह दौरा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11-12 अक्टूबर 2019 को भारत पहुंच रहे हैं।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट शब्दों में यह कह दिया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों और इसके तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है। भारत ने कहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।
इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक खान ने कश्मीर मुद्दे पर शी और चीन की सरकार द्वारा सिद्धांतों के अनुरूप रुख अपनाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। खान ने कहा कि चीन ने मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री खान ने देश के वर्तमान हालात के बारे में शी को जानकारी देने के साथ ही बताया कि मुश्किल आर्थिक हालात से पाकिस्तान उबर गया है और इस संबंध में हम चीन के वित्तीय सहयोग को कभी नहीं भूलेंगे। साथ ही यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बिना किसी शर्त के मदद दी है। खान ने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत चीन के समर्थन की सराहना की।