वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है लेकिन अगर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश इस दशकों पुराने मुद्दे को सुलझाने में उनकी मदद चाहेंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि यह (मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार करना) पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्भर करता है।
कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की ट्रंप की पेशकश के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय होगी।
ट्रंप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मदद की पेशकश की थी। भारत ने इस पेशकश को खारिज कर दिया था जबकि पाकिस्तान ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया था।
ट्रंप से जब भारत द्वारा मध्यस्थता की पेशकश खारिज किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस संबंध में जानने के लहजे में सवाल किया, 'उन्होंने पेशकश स्वीकार की या नहीं?'
ट्रंप ने कहा कि मेरे विचार में वे बेहतरीन लोग हैं - मेरा मतलब खान और मोदी से है। मुझे लगता है कि दोनों के बीच इस पर अच्छे से बातचीत हो सकती है लेकिन अगर वे चाहते हैं कि उनकी मदद के लिए कोई हस्तक्षेप करे....और मैंने पाकिस्तान से भी इस बारे में बात की और भारत से भी। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि कश्मीर मुद्दा लंबे समय से चल रहा है।
ट्रंप से उन्होंने जब पूछा कि वह कैसे कश्मीर मुद्दा सुलझाना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि अगर वे चाहेंगे तो, मैं निश्चित तौर पर हस्तक्षेप करुंगा।
ट्रंप ने पिछले हफ्ते अपने ओवल ऑफिस में खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भारत को यह कह कर चौंका दिया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता की मांग की थी। (भाषा)