रासमस पलुदन स्वीडन के धुर दक्षिणपंथी नेता और डेनिश-स्वीडिश राजनीतिज्ञ हैं। वह धुर दक्षिणपंथी पार्टी स्ट्रैम कुर्स (हार्ड लाइन) के सुप्रीमो हैं। एक आयोजन में उन्होंने कुरान को जला दिया था, जिसके बाद हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं। इस घटना के बाद पूरी दुनिया के मुसलमान भड़क उठे हैं। कई देशों ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है।
भाषण में क्या कहा था पलुदन ने?
घटना के बाद इस दौरान पलुदन ने इस्लाम को लेकर एक घंटे तक भाषण भी दिया। लगभग 100 लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए पलुदान ने कहा था कि अगर मुस्लिमों को लगता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं होनी चाहिए तो आप रहने के लिए कोई और जगह देखिए।
दरअसल, तुर्की के दूतावास के सामने इस प्रदर्शन के लिए पलुदान ने बकायदा पुलिस से परमीशन ली थी। पुलिस ने ना सिर्फ अनुमति दी, बल्कि प्रदर्शन स्थल पर पलुदन और अन्य प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा भी दी थी। प्रदर्शन के दौरान पलुदान ने लाइटर से कुरान को जलाया।
बता दें कि पिछले हफ्ते ही रासमस पलुदन ने स्टॉकहोम में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन का पुतला फूंका था। पुलिस से प्रदर्शन के लिए मिली अनुमति में यह कहा गया कि उनका विरोध इस्लाम के खिलाफ था और इसे तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने स्वीडन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करने का प्रयास कहा था।
दरअसल, स्वीडन नाटो में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। इसको लेकर तुर्की और स्वीडन के बीच नाटो से संबंधी विवाद बढ गया है। आपको बता दें कि नाटो में कोई सदस्य तभी शामिल हो सकता है, जब सभी सदस्यों की सहमति हो। लेकिन तुर्की स्वीडन के नाटो में शामिल होने को लेकर विरोध कर रहा है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, नाटो से स्वीडन से जुड़ने के विवाद की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से शुरू हुई। जहां पर विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने तुर्की दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया था। इसी प्रदर्शन के दौरान धुर दक्षिणपंथी डेनिश राजनीतिक पार्टी के नेता स्ट्रैम कुर्स रासमस पलुदन ने कुरान को जला दिया। घटना के बाद यह फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। जिसके बाद कई मुस्लिम देशों ने कुरान जलाने को लेकर स्वीडन की जमकर निंदा की। हालांकि इसके जवाब में तुर्की के कुछ समर्थकों ने स्वीडन के राष्ट्रीय ध्वज को जला दिया।
edited by navin rangiyal