Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

क्या है ब्रिटेन की लोक नेस झील वाले दैत्य का रहस्य?

हमें फॉलो करें क्या है ब्रिटेन की लोक नेस झील वाले दैत्य का रहस्य?
webdunia

राम यादव

Loch Ness Monster : ब्रिटेन के स्कॉटलैंड प्रदेश में 'लोक नेस' नाम की एक झील है। उसके बारे में सदियों से प्रसिद्ध है कि उसमें किसी दैत्य जैसा कोई जीव रहता है। इसे प्रमाणित करने के अनगिनत प्रयास हो चुके हैं, पर सारे संदेहों से परे आज तक प्रमाणित नहीं हो सका कि वहां सचमुच कोई दैत्याकार जलजीव है। 
 
बड़े तामझाम के साथ एक ऐसा ही सबसे नया और अब तक का बहुत बड़ा प्रयास शनिवार 26 और रविवार 27 अगस्त के दिन हुआ। 'लोक नेस' के 'नेस' नामक दैत्य को प्यार से 'नेसी' कहने वाले सैकड़ों खोजी और दर्शक ड्रोनों, इन्फ्रारेड कैमरों और पानी के नीचे काम करने वाले माइक्रोफोनों के साथ झील के पास जमा हुए।
 
वे ब्रिटेन से ही नहीं, यूरोप के अन्य देशों और अमेरिका तक से आए थे। अधिकतर लोग 'नेसी' के प्रशंसक या स्व-घोषित पौराणिक प्राणी विशेषज्ञ थे। 37 किलोमीटर लंबी, 1.5 किलोमीटर चौड़ी और 240 मीटर तक गहरी इस झील में वे उस प्राणी को ढूंढना चाहते थे, जिसने इस झील को विश्व प्रसिद्ध बना दिया है। 'लोक नेस' झील में नेसी की तलाशी का यह अभियान 50 वर्षों बाद सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय अभियान था।
 
जिज्ञासुओं का उत्साह बना रहा : शनिवार 26 अगस्त को जब कार्रवाई शुरू हुई, तब भारी बारिश हो रही थी और दिखाई भी कम पड़ रहा था। किंतु नेसी के प्रशंसकों के उत्साह में इससे कोई कमी नहीं आई। सभी प्रकार के उपकरणों से सुसज्जित होकर उन्होंने अपने आप को झील किनारे नियत 17 अवलोकन चौकियों पर तैनात किया, नावों में बैठकर झील पर गए और झील में गोते भी लगाए।
 
अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और जापान के प्रशंसकों ने इसे ऑनलाइन देखा। बरसात होते रहने के कारण ऐसे ड्रोन इस्तेमाल नहीं हो सके, जिनमें थर्मल (तापीय) फ़ोटो लेने वाले इन्फ्रारेड कैमरे थे। खोज अभियान के संयोजक एलन मैक्केना ने अंत में वहां एकत्रित मीडिया को बताया, हमने कुछ सुना है यानी मात्र कोई आवाज़ सुनी गई थी, नेसी के होने का कोई पक्का प्रमाण इस बार भी नहीं मिला।
 
कहानी सदियों पुरानी : 'लोक नेस' में रहने वाले दैत्याकार जलजीव की किंवदंती लगभग 1400 वर्षों से चली आ रही है। ईस्वी सन् 565 में आयरलैंड के एक कैथोलिक मिशनरी ने अपनी जीवनी में एक ऐसे व्यक्ति के बारे में लिखा था जिसे 'लोक नेस' के पानी में रहने वाले एक जलजीव ने मार डाला था। तभी से इस क्षेत्र के लोगों द्वारा कथित तौर पर इस जलजीव को देखे जाने की खबरें बार-बार आती रही हैं। पथरीली चट्टानों पर उकेरे ऐसे प्राचीन चित्र भी मिले हैं, जिनमें बड़े-बड़े चप्पुओं वाली मछलियां दर्शाई गई हैं।

किसी दैत्य जैसा यह रहस्यमय जलजीव 90 साल पूर्व विश्व प्रसिद्ध हो गया। 1933 में, स्थानीय समाचार पत्र 'द इनवर्नेस कूरियर' ने 'लोक नेस' झील के पानी में 'व्हेल मछली जैसी' कोई बड़ी चीज़ देखे जाने की सूचना दी। अखबार ने इस जीव को एक दैत्य के रूप में वर्णित किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया स्कॉटिश हाइलैंड्स की इस झील में अचानक भारी दिलचस्पी लेने लगे। एक साल बाद लंदन के 'डेली मेल' ने एक तस्वीर प्रकाशित की, जिसे नेसी की तस्वीर बताया गया था। आज तक वही 'लोक नेस मॉन्स्टर' की सबसे प्रसिद्ध तस्वीर बनी हुई है, हालांकि बाद में पता चला कि यह तस्वीर नकली थी।
 
अस्तित्व कभी सिद्ध नहीं हुआ : शोधकर्ता कभी भी यह साबित नहीं कर पाए कि नेसी का वास्तव में कोई अस्तित्व है। इसके विपरीत 2019 में न्यूजीलैंड के एक वैज्ञानिक ने ऐसे डीएनए निशान पाने के लिए झील की खोज की, जो पानी में रहने वाले किसी सरीसृप (रेप्टाइल) के अस्तित्व का संकेत देते, पर उसे अधिकतर केवल सर्पमीन (ईल) के डीएनए मिले। इस वैज्ञानिक का निष्कर्ष था कि जिसे लोग नेसी नाम का दैत्य समझते हैं, वह वास्तव में एक विशाल सर्पमीन यानी ईल है। ईल, सांप की तरह लंबे आकार की एक मछली है, हिंदी में उसे सर्पमीन कहा जाता है। उसका मुंह और शरीर सांप की तरह होता है।

किंतु नेसी के प्रशंसक ऐसे निष्कर्षों से निराश नहीं होते। वे कथित दैत्य के सभी संभावित रूपों और आकारों की हर कुछेक सप्ताह बाद ऑनलाइन रजिस्ट्री कराते और उन्हें दिखाते रहते हैं। 26-27 अगस्त वाले नए खोज अभियान के आयोजकों का कहना है कि इस बार भी ढेर सारे सुराग एकत्र किए गए हैं। अभियान के संयोजक एलन मैक्केना ने कहा कि पानी के नीचे माइक्रोफोन के द्वारा चार ऐसी ध्वनियां सुनने में आई हैं, जो नेसी की ख़ासियत हैं। मैक्केना इसे अपने अभियान की सफलता मानते हैं।

एक दैत्य की कमाऊ ब्रांडिंग : नेसी की कहानी स्कॉटलैंड की 'लोक नेस' झील वाले इलाके के लिए एक लंबे समय से पर्यटन का एक बहुत सस्ता और सुंदर विज्ञापन बन गई है। नेसी को देखने के बहाने से वहां हर साल 15 लाख पर्यटक आते हैं। अनुमान है कि उनसे हर साल 1,40,000 पाउंड की आमदनी होती है। झील के पास बसे एक हजार की आबादी वाले शहर ड्रम्नाड्रोचिट में अब एक 'लोक नेस इन' भी बन गया है, जहां पर्यटक रातभर ठहर सकते हैं। वहां स्मारिका दुकानें और एक 'नेसीलैंड' है, जहां बच्चे प्लास्टिक के एक दैत्य पर चढ़ने का मज़ा ले सकते हैं।

इस बार का बहुप्रचारित 'नेसी' खोज अभियान भी ब्रांडिंग और मार्केटिंग की इसी अवधारणा में फिट बैठता है।आयोजकों में झील का पर्यटन केंद्र, लोक नेस सेंटर और लोक नेस एक्सप्लोरेशन ग्रुप भी शामिल था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस तमाशे पर रिपोर्ट की, भले ही कोई नया निष्कर्ष नहीं निकला है। एक ब्रिटिश बिजनेस पत्रिका ने एक बार लिखा था, मॉन्स्टर (दैत्य) हर मार्केटिंग माहिर का सपना है। उसे न कुछ खिलाना-पिलाना है और न कोई देखभाल करनी है। तब भी वह 365 दिन यहीं रहता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से, सरकार ला सकती है अहम बिल