Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

वायु प्रदूषण से भारत, चीन में सर्वाधिक मौतें

हमें फॉलो करें वायु प्रदूषण से भारत, चीन में सर्वाधिक मौतें
, गुरुवार, 19 अप्रैल 2018 (13:59 IST)
शिकागो, इलिनॉयस। दुनिया में प्रदूषण से होने वाली मौतों का आकलन करने वाली रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका स्थित संस्था हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट ने ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर-2018’जारी कर कहा है कि वर्ष 2016 में पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण से 60 लाख लोगों की असमय मौत हो गई जिनमें से आधे लोग चीन और भारत के रहने वाले थे।  
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों देशों में पार्टिकुलेट मैटर-2.5 (बहुत महीन कण, जो फेफड़ों में जमा हो जाते हैं) से मरने वाले लोगों की संख्या भी दुनिया में सबसे ज्यादा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन में घरेलू वायु प्रदूषण का सामना करने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा रही। साल 2016 में ऐसे लोगों की संख्या भारत में 56 करोड़, जबकि चीन में 41 करोड़ थी। 
 
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रदूषण से होने वाली कुल मौतों में 25 फीसदी घरों के भीतर मौजूद वायु प्रदूषण से होती है, जबकि चीन में यह आंकड़ा 20 फीसदी है। यही नहीं, भारत में पीएम 2.5 की कुल मात्रा के 24 फीसदी हिस्से के लिए घरों में इस्तेमाल होने वाले जैव ईंधन को जिम्मेदार बताया गया है। 
 
हालांकि हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष बॉब ओ कीफे ने भारत में घरेलू रसोई गैस और विद्युतीकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों से घरों के भीतर वायु प्रदूषण में घटने की उम्मीद जताई है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2010 के बाद से भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे दक्षिण एशियाई देशों में वायु प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ी है। 
 
अमेरिका में हैल्थ इफैक्ट्स इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने उपग्रह से प्राप्त नए डेटा का बारीकी से अध्ययन किया। इस डेटा के जरिए उन लोगों की संख्या का अनुमान लगाया गया जो डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा वायु प्रदूषण के सुरक्षित माने जाने वाले स्तर से अधिक स्तर के प्रदूषण में सांस रहे हैं।
 
रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है कि सर्वाधिक प्रदूषण और सबसे कम प्रदूषण वाले देशों के बीच का अंतर भी तेजी से बढ़ रहा है। यह समस्या आगे और विकराल रूप ले सकती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कैश की किल्लत पर एसबीआई चीफ का बड़ा बयान...