वॉशिंगटन। समोसा कॉकस (Samosa Caucus) के भारतीय अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के एक विशेष समूह में श्री थानेदार के शामिल होने का स्वागत किया है। दरअसल, भारतीय अमेरिकी सांसदों के समूह का नाम ही समोसा कॉकस है।
थानेदार पिछले साल नवंबर में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए पांचवें भारतीय-अमेरिकी हैं। वह उद्यमी से नेता बने हैं। थानेदार की जीत 4 भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों- डॉ एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना तथा राजा कृष्णमूर्ति के अमेरिकी प्रतिनिधिसभा के लिए पुनर्निर्वाचन के बाद हुई है। समोसा कॉकस भारतीय-अमेरिकी सांसदों का एक अनौपचारिक समूह है जो या तो प्रतिनिधि सभा का हिस्सा हैं अथवा सीनेट का।
सांसद बेरा ने कहा कि जब मैंने 2013 में कार्यभार संभाला था, तब मैं कांग्रेस में इकलौता भारतीय अमेरिकी सदस्य था और इतिहास में तीसरा। उस दिन के बाद से मैं इस बात के लिए प्रतिबद्ध था कि हम कांग्रेस में अपने प्रतिनिधित्व को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में मेरे साथ भारतीय अमेरिकी- जयपाल, खन्ना और कृष्णमूर्ति शानदार सहयोगी बने और इसके लिए मुझे गर्व है। 118वीं कांग्रेस के गठन के साथ हमारा संगठन विस्तृत हुआ है क्योंकि इसमें थानेदार शामिल हुए हैं।
सांसद जयपाल ने कहा कि जब हमारे पास सबसे विविध कांग्रेस है, मुझे एहसास है कि देश भर में प्रत्येक समुदाय तथा संस्कृति के लिए प्रतिनिधित्व कितना मायने रखता है। मैं गौरवान्वित नागरिक हूं, प्रतिनिधिसभा के लिए निर्वाचित पहली दक्षिण अमेरिकी महिला हूं।
वहीं थानेदार ने कहा कि कांग्रेस के नए सदस्य तथा भारतीय-अमेरिकी सांसदों के एक शानदार समूह के नए सदस्य के रूप में मैं अमेरिकी लोगों के लिए काम करने को उत्सुक हूं। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में हमारे ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने में बेरा, जयपाल, खन्ना और कृष्णमूर्ति के साथ जुड़ने तथा आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देने की उम्मीद करता हूं।
किसने दिया 'समोसा कॉकस' नाम : भारतीय-अमेरिकी सांसदों के समूह को 'समोसा कॉकस' नाम सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने दिया था, जिसका मकसद अमेरिकी कांग्रेस में देसी सांसदों की बढ़ती संख्या को रेखांकित करना था। कृष्णमूर्ति ने 2016 में भारतीय-अमेरिकी सांसदों के इस क्लब का नाम 'समोसा कॉकस' रखा था। इसी कॉकस की एक सदस्य कमला हैरिस भारत की उपराष्ट्रपति बनीं।
वहीं, सांसद बेरा ने कहा कि जब मैंने 2013 में कार्यभार संभाला था, तब मैं कांग्रेस में इकलौता भारतीय अमेरिकी सदस्य था और इतिहास में तीसरा। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि आखिर इस क्लब का नाम 'समोसा कॉकस' क्यों रखा गया। लोगों के मन में यह भी सवाल है कि इस नाम के पीछे भारतीय 'समोसा' तो नहीं है? (एजेंसी/वेबदुनिया : फोटो- सोशल मीडिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala