ग्वाटेमाला सिटी। मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला में फ्यूगो ज्वालामुखी में मंगलवार को फिर विस्फोट हुआ। ज्वालामुखी फटने से अब तक कम से कम 72 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले चार दशक के दौरान गत रविवार को सबसे भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ।
इस घटना के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी कोनरेड ने आसपास के इलाके को खाली करने का आदेश जारी किया। कोनरेड के मुताबिक, ज्वालामुखी में विस्फोट से गर्म गैस और चट्टानें पिघलकर लगातार निकल रही हैं। ज्वालामुखी के फटने पर लाल-गर्म चट्टानों और गैस का मिश्रण, जिसे पायरोक्लास्टिक फ्लो भी कहा जाता है, यह पहाड़ से निकलकर बहता हुआ आसपास के इलाकों में फैल गया।
इससे निकला राख व्यापक क्षेत्र में फैल चुका है और पास के शहरों में लावा का प्रवाह जारी है। वोल्कन डी फ्यूगो का स्पेनिश में अर्थ होता है 'वोल्कानो ऑफ फायर' (आग का ज्वालामुखी)। यह मध्य अमेरिकी देश के 34 में से सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, औपनिवेशिक शहर औलिगुआ के पास स्थित है जो कई प्रमुख विस्फोटों के बावजूद बच गया है।
ताजा गतिविधि ज्यादातर प्रशांत तट के पास जारी है जो ज्वालामुखी से काफी दूरी पर है। कोनरेड के मुताबिक, रविवार को ज्वालामुखी से निकली राख और धुआं आसमान में 6.2 मील (10 किलोमीटर) ऊपर तक उछली और राजधानी ग्वाटेमाला सिटी में लोगों और चीज़ों पर गिरी। हजारों लोगों के घरों को खाली करा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। (वार्ता)