Vivek Ramaswamy : अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल विवेक रामास्वामी का मानना है कि भारत के साथ मजबूत संबंध अमेरिका को चीन से आर्थिक स्वतंत्रता घोषित करने में मदद करेंगे।
रामास्वामी (38) राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के सबसे कम आयु के दावेदार हैं। वह इस समय आयोवा की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। आयोवा में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार चुनने के वास्ते प्राइमरी चुनाव की प्रक्रिया 15 जुलाई से शुरू होगी।
रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका और भारत के मजबूत संबंध चीन से स्वतंत्रता घोषित करने में मददगार हो सकते हैं। अमेरिका आज चीन पर आर्थिक रूप से निर्भर है, लेकिन भारत के साथ मजबूत संबंधों की मदद से चीनी संबंधों से आजादी घोषित करना आसान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को अंडमान सागर में सैन्य संबंध समेत भारत के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध भी रखने चाहिए। यदि आवश्यक हुआ तो भारत मलक्का जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है, जहां से वास्तव में चीन को अधिकतर पश्चिम एशियाई तेल की आपूर्ति मिलती है। इसलिए अमेरिका-भारत संबंधों में ये सुधार के वास्तविक क्षेत्र हैं।
रामास्वामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि यह अमेरिका के लिए अच्छा होगा और यही कारण है कि मैं इसे ध्यान में रखकर नेतृत्व करूंगा।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के दावेदारों की पहली बहस में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद अरबपति भारतीय-अमेरिकी उद्यमी रामास्वामी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। उन्हें लोकप्रियता रेटिंग संबंधी सर्वेक्षणों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद दूसरा स्थान मिला है।
भारतीय मीडिया के साथ पहले संवाद में रामास्वामी भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों के मजबूत समर्थक नजर आए।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लिए एक अच्छे नेता रहे हैं और मैं भारत एवं अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हूं।
रामास्वामी ने कहा कि अमेरिकी विदेश नीति की प्रमुख चुनौती यह है कि हम मातृभूमि की रक्षा नहीं कर रहे। हम ऐसे युद्ध लड़ रहे हैं, जो अमेरिकी हितों को आगे नहीं बढ़ाते और हम मातृभूमि को वास्तव में असुरक्षित बना रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यूक्रेन में संलिप्तता जारी रखना अमेरिका के लिए एक गलती है। इससे अमेरिका के राष्ट्रीय हित नहीं पूरे होते।
रामास्वामी ने कहा कि मुझे लगता है कि इसके विपरीत इससे वैश्विक मंच पर अमेरिकी विश्वसनीयता को वास्तव में नुकसान होगा। अमेरिका को कम्युनिस्ट चीन पर ध्यान देने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह सबसे बड़ा खतरा है। सीमा पर रक्षा क्षमताएं बढ़ाने के साथ मातृभूमि की रक्षा करना घरेलू स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। (भाषा)