क्वालालम्पुर। इंडोनेशिया में महिलाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिए यह साबित करना होता है कि वे वर्जिन हैं या नहीं। इसके चलते उनका भर्ती से पहले वर्जिनिटी टेस्ट भी किया जाता है।
विदित हो कि इंडोनेशिया की मॉडर्न पुलिस फोर्स देश की आजादी के बाद 1946 में बनी थी। यह एक देश ऐसा है जहां महिलाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिए यह साबित करना होता है कि वे वर्जिन हैं। महिलाओं का वर्जिनिटी टेस्ट करने के लिए मेडिकल चेकअप भी होता है।
इंटरव्यू के समय प्रत्याशी अपनी खूबसूरती का भरपूर प्रदर्शन करती हैं। उसी के आधार पर उन्हें चुना जाता है। खास बात यह है कि जो कमेटी उन्हें चुनती है, उस कमेटी में सिर्फ पुरुष होते हैं। इंडोनेशिया में महिलाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिए एक खास तरीके का टेस्ट पास करना होता है।
जज इस दौरान उन लड़कियों का चयन करते हैं, जो बहुत खूबसूरत होती हैं। गौरतलब है कि इंडोनेशिया की मॉडर्न पुलिस फोर्स वहां की आजादी के बाद 1946 में बनी थी। लगभग बीस साल बाद 1966 में पुलिस को मिलिट्री के अधीन कर दिया गया। 1999 में प्रेसिडेंट सुहार्तो के इस्तीफे के बाद दोबारा पुलिस फोर्स को स्वायत्तता मिली थी।
विदित हो कि इस टेस्ट के खिलाफ 2014 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने एक गाइडलाइन जारी की थी। इंडोनेशिया की मानव अधिकारी संगठन ने इसके खिलाफ कदम उठाए। फिर भी प्रशासन कोई सख्त कदम उठाने में असफल ही रहा।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में जब आर्मी फोर्स के जनरल मोल्डोको से बात की गई तो उनका जवाब था इस टेस्ट से प्रॉब्लम क्या है? ये तो एक अच्छा काम है फिर इसकी आलोचना क्यों?