वॉशिंगटन। अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने सीमा विवाद पर चीन की आक्रामकता के आगे घुटने नहीं टेकने के लिए भारत की सराहना की और उम्मीद जताई कि दूसरे देश भी चीन से संबंधित मामलों में निडरता से पेश आएंगे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब 8 सप्ताह से गतिरोध जारी है। गलवान घाटी में दोनों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गए थे। झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन इस संबंध उसने कोई जानकारी नहीं दी थी।
रिपब्लिकन सीनेटर जॉन कैनेडी ने 'फॉक्स न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में गुरुवार को कहा कि मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि भारत में (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी चीन के सामने डटकर खड़े हैं। कनाडा जो कर रहा है, उस पर भी मुझे गर्व है। हर देश उससे भाग और छिप नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को यह बताना होगा कि हम उससे नियमों के मुताबिक चलने की उम्मीद करते हैं। अब अमेरिका के अलावा आपको पता है कि कितने देश चीन पर विश्वास करते हैं? एक भी नहीं। लेकिन वे डरे हुए हैं। चीन दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। चीन दूसरे देशों को परेशान करने के लिए अपनी आर्थिक स्थिति का फायदा उठाता है और विश्व में कई देश उसके सामने खड़े होने से डरते हैं। कैनेडी ने कहा कि कुछ उपवाद भी हैं।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया उसके सामने खड़ा है, भारत उसके सामने खड़ा है, कनाडा उसके सामने खड़ा है। हमें यूरोप के बाहर के हमारे सहयोगियों का भी साथ देना होगा और चीन को बताना होगा कि उसे नियमों से चलना होगा, नहीं तो हम उसके साथ व्यापार नहीं करने वाले। उसे ऐसे ही समझ आएगा। (भाषा)