बीजिंग। चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर पर अमेरिकी बमवर्षक बी-52 का उड़ान भरना उकसावे वाली कार्रवाई है। गौरतलब है कि विश्च की दो ताकतों के बीच तनाव बढ़ रहा है।
पेंटागन ने बुधवार को कहा कि पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ संयुक्त अभियान में भारी बमवर्षकों ने हिस्सा लिया और एक दिन पहले इन्होंने दक्षिण चीन सागर के ऊपर, अंतरराष्ट्रीय हवाईमार्ग से उड़ान भरी।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन ग्यूकियांग ने मासिक समाचार सम्मेलन में कहा, 'दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के सैन्य विमान की उकसावे वाली गतिविधियों के बारे में हमारा यह कहना है कि हम इनके पूरी तरह विरोध में हैं और इस मुद्दे से सख्ती से निबटने के लिए हम आवश्यक कदम उठाते रहेंगे।'
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर चीन अपना दावा जताता है। उसने यहां कई द्वीप बनाए हैं और उन पर सैन्य सुविधाएं जुटा ली हैं। इस जलक्षेत्र पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपीन, ताईवान और वियतनाम भी दावा जताते हैं।
समुद्री मामलों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने वर्ष 2016 में फैसला सुनाया था कि चीन के दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है। अमेरिका भी क्षेत्र पर चीन के दावों को खारिज करता है। (भाषा)