इंडोनेशिया के पश्चिम में जावा और सुमात्रा के बीच सुंडा स्ट्रेट में सुनामी की चपेट में आने से कम से कम 46 लोग की मौत हो गई और 600 घायल हो गए। जानिए कैसे आती है सुनामी, क्यों माना जाता है इसे सबसे खतरनाक आपदा...
सुनामी लहरों के बनने की कई वजह हो सकती है पर आमतौर पर यह किसी भूकंप की वजह से ही उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा समुद्र किनारे या समुद्र के तल पर जमीन धंसने, ज्वालामुखी फटने, या अंतरिक्ष से किसी बड़ी उल्का के समुद्री क्षेत्र में गिरने से भी सुनामी का निर्माण होता है। इसके अलावा कभी कभी बहुत बड़े चक्रवात से भी सुनामी आ सकती है|
धरती की ऊपरी परत फ़ुटबॉल की परतों की तरह आपस में जुड़ी हुई है या कहें कि एक अंडे की तरह से है जिसमें दरारें हों। ऊपरी सतह से लेकर अन्तर्भाग तक, पृथ्वी, कई परतों में बनी हुई है। पृथ्वी की बाहरी सतह कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेट में विभाजित है जो क्रमशः कई लाख सालों में पूरे सतह से विस्थापित होती है। पृथ्वी की आतंरिक सतह एक अपेक्षाकृत ठोस व मोटी परत से बनी है।
इन सबके अंदर होता है एक कोर, जो एक तरल बाहरी कोर और एक ठोस लोहा का आतंरिक कोर से बनी हुई है। बाहरी सतह के जो विवर्तनिक प्लेट हैं वो बहुत धीरे-धीरे गतिमान हैं। यह प्लेट आपस में टकराते भी हैं और एक-दूसरे से अलग भी होते हैं। ऐसी स्थिति में घर्षण के कारण भूखंड या पत्थरों में दरारें टूट सकती हैं। इस तेज हलचल के कारण जो शक्ति उत्सर्जित होती है, उससे भूकंप के रूप में तबाही मचाती है।
अकसर यह सुनामी लहरे तट तक पहुंचते-पहुंचते अपना असर खो देती है। पर किसी बड़े भूंकप के कारण उठी सुनामी लहरें समुद्री तट पर कहर बरपा देती हैं। विडंबना है कि जिस सटीकता से वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकते वैसे ही सुनामी के बारे में भी बताना मुश्किल है।
जब समुद्र तल या सतह पर अचानक हुई किसी बड़ी हलचल के कारण पानी की प्रचंड लहरे किनारे की ओर जाती है उन्ही लहरों को सुनामी का नाम दिया गया है। सुनामी का एक सरल उदाहरण दें तो पानी से भरे टब में अचानक कोई वजनदार वस्तु गिराने या टब को जोरों से हिलाने पर जैसी स्थिति टब में रखे पानी की होती है वैसी ही स्थिति समुद्र में आए किसी भूकंप के दौरान बनती है।
दरअसल समुद्री सतह पर, समुद्र तल के नीचे, धरती के ऊपरी सतह में अचानक आए तेज भूकंप से, भूगर्भीय तेज हलचल से समुद्र के पानी में बहुत बड़ी लहर उत्पन्न हो सकती है। ये बहुत विशाल और सैकड़ों किलोमीटर चौड़ी लहरें होती हैं। सुनामी लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फ़ासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है। पर जब ये तट के पास आती हैं तो इनकी गति कम हो जाती है पर ऊंचाई बढ़ जाती है।