वॉशिंगटन। अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से अमेरिका में हिंसा, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंसक प्रदर्शन नहीं रूकने पर सेना तैनात करने की धमकी दी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने इस देश के कानून को सबसे ऊपर रखने की शपथ ली थी और मैं अब बिल्कुल वही करूंगा। ट्रंप ने हिंसाग्रस्त शहरों में अमेरिकी मिलिट्री को उतारने का फैसला किया है।
ट्रंप ने कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या से सभी अमेरिकी दुखी हैं और उनके मन में एक आक्रोश है। जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मेरे प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। मगर देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरी पहली प्राथमिकता इस महान देश और इसके नागरिकों के हितों की रक्षा करना है।
इस बीच, चिकित्सीय परीक्षक ने फ्लॉयड की मौत को हत्या बताया, कहा पुलिस के उनके गले पर दबाव बनने से उनके दिल ने काम करना बंद किया।
अमेरिका के 140 शहरों में हिंसक प्रदर्शन: फ्लॉयड की मौत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका की 140 शहरों तक पहुंच गई है, जिसे देश में पिछले कई दशकों में सबसे खराब नागरिक अशांति माना जा रहा है।
न्यूयॉर्क सिटी में कर्फ्यू : वहीं हिंसा रोक पाने में अधिकारियों के विफल रहने के बाद न्यूयॉर्क सिटी में सोमवार देर रात कर्फ्यू लगा दिया गया। देश के अन्य शहरों की तरह न्यूयॉर्क में भी रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा।
लुइसविले पुलिस प्रमुख बर्खास्त : इस बीच कर्फ्यू लागू करने के दौरान गोली चलाने वाले लुइसविले पुलिस प्रमुख को बर्खास्त कर दिया गया जब मेयर को पता चला कि गोलीबारी में शामिल अधिकारी हिंसा के दौरान बॉडी कैमरा (वर्दी पर पहने जाना वाला कैमरा) चालू करने में विफल रहे। इस गोलीबारी में एक प्रसिद्ध बार्बेक्यू स्थल के मालिक की मौत हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि 25 मई को 20 डॉलर का नकली नोट इस्तेमाल करने के आरोप में अश्वेत अमेरिकन जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिस ने हिरासत में लिया था। घटना के कई वीडियो सामने आए इसमें एक पुलिसकर्मी 7 मिनट तक जॉर्ज के गले पर घुटना रखे दिखाई दिया। जॉर्ज की मौत के बाद अमेरिका में बवाल मच गया और एहतियातन वाइट हाउस को बंद करना पड़ा।