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यूक्रेन-रूस संकट : रूस के बेलारूस भेजे गए हजारों सैनिक अभ्यास में जुटे, तनाव बढ़ा

हमें फॉलो करें यूक्रेन-रूस संकट : रूस के बेलारूस भेजे गए हजारों सैनिक अभ्यास में जुटे, तनाव बढ़ा
, शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022 (10:07 IST)
हेग (नीदरलैंड्स)। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने की गहन कूटनीति की पृष्ठभूमि में मॉस्को द्वारा बेलारूस भेजे गए हजारों सैनिक सैन्य अभ्यास में जुटे हैं। इस बीच नाटो के और सुरक्षा बल अपने सहयोगी देश यूक्रेन की पूर्वी सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं जबकि ब्रिटेन ने पूर्वी यूरोप में मानवीय संकट की आशंका के मद्देनजर 1,000 सैनिकों को तैयार रहने को कहा है। अगर रूस अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला करता है और लड़ाई शुरू होती है तो मानवीय संकट की आशंका पैदा हो सकती है।
 
रूस ने यूक्रेन सीमा के समीप 1,00,000 से अधिक सैनिकों को एकत्रित कर लिया है लेकिन साथ ही कहा है कि उसकी हमले की कोई योजना नहीं है। वह पश्चिमी देशों से यह गारंटी चाहता है कि नाटो यूक्रेन तथा पूर्व सोवियत संघ के अन्य देशों को इस पश्चिमी सैन्य गठबंधन का हिस्सा बनने नहीं देगा। पिछले महीने पेरिस में मुलाकात करने वाले जर्मनी, फ्रांस, रूस और यूक्रेन के विदेशी नीति सलाहकारों ने बर्लिन में एक और दौर की वार्ता की। उन्होंने 2015 के शांति समझौते के क्रियान्वयन पर कोई प्रगति नहीं होने की बात कही।
 
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा कि अगर कोई अमेरिकी अब भी यूक्रेन में मौजूद है तो वह जल्द से जल्द देश छोड़ दें। उन्होंने गुरुवार को एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि यह ऐसा नहीं है कि हम एक आतंकवादी संगठन से निपट रहे हैं। हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक से निपट रहे हैं। यह बहुत अलग स्थिति है और चीजें जल्द ही खराब हो सकती हैं।
 
अमेरिकियों को बचाने के लिए यूक्रेन में सेना भेजने के सवाल पर बाइडन ने कहा कि वहां नहीं। यह विश्वयुद्ध होगा, अगर अमेरिका और रूस एक-दूसरे पर गोलियां चलाना शुरू कर दें। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग चेतावनी दे रहे हैं कि यूक्रेन के समीप रूस के सैन्य जमावड़े से हाल-फिलहाल में यूरोपीय सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा पैदा हुआ है। ब्रिटिश नेता ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है लेकिन साथ ही कहा कि हम और हमारा खुफिया तंत्र गंभीरता से काम में लगा हुआ है।
 
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को एक नया पत्र भेजकर यूरोपीय सुरक्षा को बेहतर बनाने पर वार्ता के लिए नाटो के निमंत्रण को दोहराया। जॉनसन, पोलैंड के प्रधानमंत्री मैत्यूज मोराविकी से वार्ता के लिए ब्रुसेल्स से वारसॉ गए। दोनों नेता पोलैंड की राजधानी के समीप तैनात ब्रिटिन सैनिकों से मुलाकात करने गए थे। पोलैंड की सीमा बेलारूस, यूक्रेन और रूस के कालिनिनग्रैंड क्षेत्र से लगती है। मोराविकी ने कहा कि पुतिन का राजनीतिक उद्देश्य नाटो को तोड़ना है इसलिए हमें एकसाथ रहने की आवश्यकता है।
 
वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री लिज टुस ने मॉस्को में लावरोव से बातचीत में फिर चेतावनी दी कि यूक्रेन पर हमला करने के गहन परिणाम होंगे और इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने कहा कि यूक्रेन ने रूस के साथ तनाव कम करने के अंकारा की मध्यस्थता की पेशकश को स्वीकार कर लिया है जबकि रूस ने भी इसे इंकार नहीं किया है।
 
इस बीच डेनमार्क ने गुरुवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ एक नए रक्षा सहयोग समझौते पर बातचीत शुरू करेगा जिसमें अमेरिकी सैनिकों तथा सैन्य उपकरणों को डेनमार्क में तैनात करना शामिल होगा, जो उसकी दशकों पुरानी नीति के विपरीत है।

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