काबुल। दुनिया को जो डर तालिबान से था वही हुआ, सरकार बनाने के बाद से ही तालिबान चुन-चुनकर अपने दुश्मनों को मौत के घाट उतार रहा है। तालिबानी लड़ाकों का पहला निशाना उन अफगानी लोगों पर है जो अमेरीका या पूर्व अफगान सेना के लिए काम करते थे। ऐसे ही एक पूर्व अफगानिस्तानी स्नाइपर नूर की तालिबान ने बेरहमी से हत्या कर दी है।
उल्लेखनीय है कि तालिबान प्रवक्ता ने दावा किया था कि वे अमेरिकी या ब्रिटिश सेना के लिए काम कर चुके किसी भी अफगानी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे तथा बदले की भावना से काम नहीं करेंगे। लेकिन, सरकार बनते ही तालिबानी लड़ाकों ने अपनी ही बात से मुकरते हुए पूर्व सैनिक नूर के परिवार के सामने ही उनकी हत्या कर दी है। नूर की छाती में तीन गोलियां मारी गईं।
ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तानी स्नाइपर नूर ब्रिटेन की स्पेशल फोर्स के साथ अटैच थे। वो ब्रिटेन द्वारा प्रशिक्षित अफगानिस्तान यूनिट सीएफ333 का हिस्सा थे। नूर की यूनिट से जुड़े कई लोग 15 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पहुंचकर अपनी जान बचाकर भाग निकले थे, लेकिन नूर वहीं रह गया था।
अमेरिकी मीडिया एजेंसी स्काई न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नूर ने हत्या से एक दिन पहले ही ब्रिटेन से मदद मांगी थी। उन्होंने अपने एक साथी को संदेश भेजा था कि उन्हें काबुल से बाहर निकलना है। पूर्व अफगान सरकार में दुभाषिए का काम करने वाले रफी होट्टाक ने स्काई न्यूज को बताया कि नूर ने उन्हें रविवार को संदेश भेजकर मदद मांगी थी, लेकिन इससे पहले कि कुछ किया जाता, उनकी हत्या हो गई।