अंतरिक्ष में फंसीं सुनीता विलियम्स, बोइंग के कैप्सूल ने दिया धोखा
स्कायलाइनर में बचा है मात्र 27 दिन का फ्यूल
Sunita Williams : नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में गए अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर वहां फंस गए। बोइंग के कैप्सूल में खराबी की वजह से तीसरी बार नासा को उनका लौटने का प्लान तीसरी बार टालना पड़ा। उन्हें धरती पर लौटने में अभी कुछ और वक्त लग सकता है।
इस बीच बोइंग ने एक बयान जारी कर कहा कि स्पेस कैप्सूल में थ्रस्टर फेलियर और लीक वॉल्व जैसी कुछ तकनीकी समस्याएं आ गई थीं और इसे ठीक करने के लिए ही विलियम्स और बुच की वापसी टालनी पड़ी है।
बताया जा रहा है कि स्टारलाइनर की फ्यूल कैपेसिटी 45 दिन की है। इस मिशन को शुरू हुए 18 दिन गुजर चुके हैं और अब सिर्फ 27 दिन बाकी हैं।
उल्लेखनीय है कि सुनीता और बुच 6 जून, 2024 को बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से आईएसएस के लिए रवाना हुए थे। यान 27 को स्पेस स्टेशन पहुंचा। दोनों को 13 जून को वापस लौटना था। लेकिन यान में खराबी की वजह से उनकी वापसी टल गई।
सुनिता विलियम्स के बारे में खास बातें
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सुनीता गुजरात के अहमदाबाद से थीं। सुनीता विलियम्स का जन्म 19, सितंबर, 1965 को अमेरिका के ओहियो के क्लीवलैंड में हुआ था।
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सुनीता ने मैसाचुसेट्स से हाईस्कूल पास करने के बाद 1987 में संयुक्त राष्ट्र की नौसेना अकादमी से फिजिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया था।
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सुनीता के जन्म के पहले ही 1958 में अहमदाबाद से अमेरिका के बोस्टन में बस गए थे।
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सुनीता विलियम्स का 1998 में जून में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में सिलेक्शन हुआ था। सुनीता 2006 में पहली बार अंतरिक्ष गई थी। लेकिन 2003 में कोलंबिया में हादसा होने हुआ था जिसमें कल्पना चावला सहित अन्य अंतरिक्ष यात्रा की मृत्यु हो गई थी। इस वजह से सुनीता का भी मिशन लंबे समय तक टलता रहा।
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सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यात्री होने के साथ-साथ अन्य विधाओं में भी परिपक्व थी। वह नौसेना पोत चालक, हेलिकॉप्टर पायलट, पेशेवर नौसैनिक, मैराथन धावक भी रही हैं।
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सुनीता विलियम्स को भारत सरकार द्वारा साल 2008 में साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
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सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में लंबे समय तक रूकने का रिकॉर्ड तो बनाया था, साथ ही उन्हें 50 घंटे तक स्पेस वॉक करने का रिकॉर्ड भी बनाया था। और ऐसा करने वाली वे पहली अंतरिक्ष यात्री रही हैं।
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कोविड काल में सुनीता विलियम्स ने भारतीय छात्रों को सीख दी जो अमेरिका में फंसे हुए थे। उन्होंने कहा कि, 'इस वक्त में लोग अपने समाज के लिए सकारात्मक और सार्थक योगदान दे सकते हैं। जून 2016 में पीएम मोदी अमेरिकी यात्रा पर गए थे, उस दौरान उन्होंने सुनीता विलियम्स से मुलाकात भी की थी।
Edited by : Nrapendra Gupta