कोलंबो। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि श्रीलंका में रेलवे के विकास के लिए भारत करीब 1.3 अरब डॉलर खर्च करेगा। उच्चायोग ने कहा कि भारतीय रियायती वित्त पोषण के तहत दशकों के संघर्ष के बाद उत्तर और दक्षिण श्रीलंका को जोड़ने वाली मुख्य रेल लाइनों की बहाली की जाएगी। भारतीय पहल के तहत सुनामी से प्रभावित दक्षिणी रेल लाइन की भी उन्नति की जाएगी।
श्रीलंका के 'डेली मिरर' की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने श्रीलंका को रोलिंग स्टॉक की आपूर्ति की है और श्रीलंकाई रेलकर्मियों के क्षमता निर्माण में योगदान दिया है। उच्चायोग ने कहा कि भारत, श्रीलंका की आवश्यकताओं के अनुसार अपनी विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसकी हरसंभव सहायता के लिए तैयार है।
मार्च 2017 में भारत और श्रीलंका ने श्रीलंका रेलवे को 6 डीएमयू और 10 लोकोमोटिव की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह अनुबंध लगभग 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर है और भारतीय रियायती वित्त पोषण के तहत वित्त पोषित है। डीएमयू की पहली खेप दिसंबर 2018 में श्रीलंका पहुंची।
जून 2017 में भारत ने श्रीलंका में रेल क्षेत्र के विकास के लिए 31 करोड़ 80 लाख अमेरिकी डॉलर के एक नए क्रेडिट समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि इस लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत 160 यात्री कोचों की खरीद, माहो-ओमनथाई के बीच रेलवे ट्रैक का उन्नयन, माहो से अनुराधापुरा तक सिग्नल और दूरसंचार प्रणाली का उन्नयन, रतलाम में रेलवे कार्यशाला की स्थापना सहित विभिन्न परियोजनाओं पर काम चल रहा है।