वॉशिंगटन/कोलंबो। श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उसके लिए 3 अरब डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी दी है। कोलंबो ने राहत पैकेज की सराहना करते हुए इसे एक मील का पत्थर बताया। गौरतलब है कि श्रीलंका बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है और आर्थिक तथा मानवीय संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका की तरह ही कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को भी आईएमएफ से मदद की दरकार है।
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने अपनी विस्तारित कोष सुविधा (EFF) के तहत तीन अरब डॉलर की 48 महीने की विस्तारित व्यवस्था को मंजूरी दी। ईएफएफ समर्थित कार्यक्रम का उद्देश्य श्रीलंका की व्यापक आर्थिक स्थिरता और ऋण स्थिरता को बहाल करना, गरीबों और कमजोर लोगों पर आर्थिक प्रभाव को कम करना, वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता की रक्षा करना और शासन और विकास क्षमता को मजबूत करना है।
इससे श्रीलंका को 33.3 करोड़ डॉलर की तत्काल मदद संभव हो सकेगी और अन्य विकास साझेदारों से वित्तीय समर्थन मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। यह देश के लिए एक ऐतिहासिक पड़ाव है।
वैश्विक ऋणदाता ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका आईएमएफ की शासन निदान कवायद से गुजरने वाला एशिया का पहला देश होगा। इसमें आईएमएफ कर्ज में फंसे देश में भ्रष्टाचार और शासन की कमजोरियों का आकलन करता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भ्रष्टाचार निरोध तथा शासन सुधारों को ईएफएफ समर्थित कार्यक्रम का मुख्य स्तंभ बताया और इनके महत्व पर जोर दिया।
आईएमएफ के वरिष्ठ अधिकारी पीटर ब्रेउर ने कहा, 'हम ईएफएफ समर्थित कार्यक्रम के लिए भ्रष्टाचार निरोध और शासन सुधारों के महत्व पर जोर देते हैं और इन्हें इस कार्यक्रम का अहम स्तंभ मानते हैं। सुधारों के जरिए प्राप्त लाभ श्रीलंका के लोगों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए ये बेहद जरूरी हैं।'