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शुभांशु शुक्ला का शुभ आगमन, 18 दिन ISS में क्या किया, कैसे रहेंगे अगले 7 दिन?

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु अंतरिक्ष में 433 घंटे रहे। उन्होंने 288 बार पृथ्वी की परिक्रमा की।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 15 जुलाई 2025 (10:28 IST)
Shubhanshu Shukla news in hindi:  एक्सिओम-4 मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य लोग मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन के प्रवास के बाद 22.5 घंटे करके पृथ्वी पर लौटेंगे और वह कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में उतरेंगे। ALSO READ: Shubhanshu Shukla : शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से रवाना हुए, 23 घंटे के सफर के बाद पृथ्वी पर पहुंचेंगे, क्या बोला परिवार
 
शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिट्सन तथा मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू को लेकर आ रहा ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतिरक्ष यान भारतीय समयानुसार सोमवार शाम 4:45 बजे अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हो गया।
 
एक्सिओम-4 मिशन का संचालन करने वाली कंपनी स्पेसएक्स ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ड्रैगन अंतरिक्ष यान और एक्सिओम स्पेस एएक्स-4 के सभी सदस्य मंगलवार को भारतीय समयानुसार अपराह्न तीन बजकर एक मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेंगे और सैन डिएगो तट पर पानी में उतरेंगे। अंतरिक्ष यान प्रशांत महासागर में उतरने से पहले एक संक्षिप्त ध्वनि विस्फोट के साथ अपने आगमन की घोषणा भी करेगा।
 
अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करते ही भारतीय समयानुसार आज अपराह्न दो बजकर सात मिनट पर प्रशांत महासागर के ऊपर ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ होने की उम्मीद है।
 
क्या होता है डी ऑर्बिट बर्न : जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा होता है और उसे वापस धरती पर लाना होता है, तो उसकी गति को कम करना आवश्यक होता है ताकि वह कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके। इसी गति को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स (छोटे इंजन) को एक निश्चित समय और दिशा में दागा जाता है। इस प्रक्रिया को ही ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ कहते हैं।
 
मिशन में क्या था खास : एक्सिओम-4 मिशन वैसे तो 14 दिन का था लेकिन 18 दिन चला। शुभांशु अंतरिक्ष में 433 घंटे रहे। उन्होंने 288 बार पृथ्वी की परिक्रमा की। इस दौरान वहां 60 प्रयोग किए गए। इनमें से 7 इसरो के थे। शुभांशु अंतरिक्ष स्टेशन से 263 किलो वैज्ञानिक सामान और डाटा ला रहे हैं। शुभांशु के मिशन पर 550 करोड़ रुपए खर्च हुए। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2027 में लांच होना है। इसलिए भी यह मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। ALSO READ: अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला अपने साथ क्यों ले गए मूंग और मेथी के बीज, जानिए क्या हैं इस मिशन के 7 अनोखे प्रयोग
 
शुभांशु कब लौटेंगे भारत : जीरो ग्रेविटी से लौटने के बाद शुभांशु समेत सभी 4 अंतरिक्ष यात्री 7 दिन आइसोलेशन में रहेंगे। भारत लौटने से पहले उन्हें कई चिकित्सकीय, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकनों से गुजरना होगा।  
edited by : Nrapendra Gupta  

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