New Strategic Arms Reduction Treaty : दुनिया के दो शक्तिशाली देशों के बीच एक बड़ी संधि की मियाद खत्म होने वाली है। दोनों देशों के बीच अगर इस संधि की मियाद नहीं बढ़ी तो दुनिया पर परमाणु हथियारों का खतरा बढ़ जाएगा। मीडिया खबरों के अनुसार रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने वाला न्यू START संधि (New Strategic Arms Reduction Treaty) 5 फरवरी 2026 को खत्म होने वाला है। मीडिया खबरों के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को ऐलान किया कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी सहमत हों तो रूस इस संधि को एक साल के लिए बढ़ाने को तैयार है।
न्यू START संधि क्या है?
पहले समझें कि न्यू START संधि आखिर है क्या। न्यू START संधि 2010 में लागू हुई थी। इसका मकसद अमेरिका और रूस के बीच परमाणु हथियारों की होड़ को सीमित करना था। इस समझौते के तहत दोनों देशों के पास रणनीतिक परमाणु वारहेड (Strategic Nuclear Warheads) और उन पर तैनात मिसाइलों व बॉम्बर्स की संख्या पर सख्त पाबंदियां लगाई गईं।
क्यों दुनिया के लिए जरूरी
यह संधि इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों महाशक्तियों के पास मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है। ऐसे में पुतिन का यह ऑफर सिर्फ रूस-अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। हालांकि खबरें हैं कि वॉशिंगटन और मॉस्को ने अभी तक समझौते को आगे बढ़ाने या बदलने पर चर्चा नहीं की है।
क्या आ रही है बाधा
यूक्रेन में रूस का युद्ध इस समझौते को आगे बढ़ाने में एक बड़ी बाधा बताया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति रूस और यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नए हथियारों के नियंत्रण समझौते पर बातचीत करने में रुचि का संकेत दिया है। इसमें से एक चीन शामिल होगा, लेकिन कोई औपचारिक वार्ता शुरू नहीं हुई है। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma