हिरोशिमा। PM Modi in G-7 Summit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जी-7 शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) ने दुनियाभर के बड़े नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेंलेंस्की से द्विपक्षीय मुलाकात की और रूस यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत एवं कूटनीतिक प्रयासों को भारत का समर्थन एवं यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता देने की बात दोहराई। इस दौरान PM ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां जेलेंस्की से मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि हिरोशिमा में राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की से मुलाकात की। हमने आगे का रास्ता खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के लिए भारत के स्पष्ट समर्थन से अवगत कराया। हम यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता देना जारी रखेंगे।
क्या बोले प्रधानमंत्री : हिरोशिमा में जी-7 समूह के शिखर सम्मेलन से इतर हुई बैठक में, प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा है और समूचे विश्व पर इसके कई अलग-अलग प्रभाव पड़े हैं।
मोदी ने बातचीत के दौरान अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत और मैं, अपनी व्यक्तिगत क्षमता में, इस संघर्ष का समाधान तलाशने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।
प्रधानमंत्री ने यूक्रेनी नेता से कहा कि वह संघर्ष को एक राजनीतिक या आर्थिक मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं और उनके लिए यह मानवता का मुद्दा है।
जेलेंस्की ने भारतीय पक्ष को अपने शांति सूत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भारत से इसके कार्यान्वयन में शामिल होने का आग्रह किया।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने यूक्रेन के नेता को समाधान निकालने के लिए बातचीत और कूटनीति के वास्ते भारत के स्पष्ट समर्थन से अवगत कराया और कहा कि भारत यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ था। मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल के दौरान फोन पर बातचीत हुई है, लेकिन... बहुत दिनों बाद मिलने का मौका मिला। यूक्रेन संकट पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा है। पूरी दुनिया पर इसके कई अलग-अलग प्रभाव पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन मैं इसे राजनीतिक या आर्थिक मुद्दे के रूप में नहीं देखता, मेरे लिए यह मानवता का मुद्दा है।
मोदी ने कहा कि युद्ध की पीड़ा क्या होती है, यह हम सब से ज्यादा आप जानते हैं। जब हमारे छात्र पिछले साल यूक्रेन से वापस आये, तब उन्होंने हालात के बारे में विस्तृत रूप से जो कुछ बताया, उससे मैं आपके और यूक्रेनी नागरिकों के दर्द को समझ सका।
जेलेंस्की ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करने और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं।
मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राँ के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। नेताओं ने क्षेत्रीय विकास और वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों नेताओं ने व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग, नागरिक उड्डयन, नवीकरणीय, संस्कृति, रक्षा क्षेत्र में सह-उत्पादन और विनिर्माण, साथ ही असैन्य परमाणु सहयोग के अलावा नए क्षेत्रों में भी साझीदारी का विस्तार करने पर सहमति जतायी।
मोदी ने उन्हें 14 जुलाई को बैस्टिल दिवस के लिए सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रपति श्री मैक्रों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए फ्रांस के समर्थन के लिए भी राष्ट्रपति श्री मैक्रों का आभार जताया।
जापानी PM से भी प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की। भारतीय प्रधानमंत्री ने भारत-जापान संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा की और पृथ्वी को बेहतर जगह बनाने की दिशा में भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी और जापान के जी-7 प्रेसीडेंसी के फोकस क्षेत्रों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ से भी इस दौरान मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट कर स्कोल्ज़ को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि उन्हें उनसे मिलकर खुशी हुई। Edited By : Sudhir Sharma