वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यभार संभावने के 1 सप्ताह बाद ट्रंप युग के उस आदेश को वापस ले लिया जिसके तहत एच-1बी कार्य वीजाधारकों के जीवनसाथी को काम करने की अनुमति देने वाले एच4 वीजा पर रोक लगाई गई थी जिनमें से ज्यादातर अत्यधिक कुशल भारतीय महिलाएं हैं।
एच-4 वीजा एच-1बी वीजाधारकों के पति/पत्नी या 21 साल से अधिक उम्र के बच्चों को जारी किया जाता है। उच्च कौशल वाले एच-1बी वीजाधारकों में बड़ी संख्या भारतीयों की है। एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को कुछ व्यवसायों के लिए विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है, जहां सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से प्रत्येक वर्ष दसियों हजार कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं।
आमतौर पर एच-4 वीजा उन लोगों को जारी किया जाता है जिन्होंने पहले ही अमेरिका में रोजगार-आधारित वैध स्थायी दर्जा पाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अमेरिका के ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट (ओएमबी) और ऑफिस ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड रेगुलेटरी अफेयर्स (ओआईआरए) ने सोमवार को कहा कि इस संबंध में जारी नियम को वापस ले लिया गया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथियों को रोजगार की इजाजत दी गई थी। ट्रंप प्रशासन ने सत्ता में आने के तुरंत बाद 2017 में इस नियम को रद्द करने की घोषणा की। हालांकि रिपब्लिकन पार्टी के नेतृत्व वाला ट्रंप प्रशासन अपने शासन के 4 वर्षों में इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सका। राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान बाइडन ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को वापस लेने का वादा किया था। (भाषा)