प्रिंसटन। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के प्रदर्शन से यह निर्धारित होगा कि दुनिया आधारभूत रूप से किस तरह नया रूप लेगी। उन्होंने कहा कि चीन की दुनिया की तरफ एक खास दूरदृष्टि है। यह बहुत स्पष्ट है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या भारत के पास भी ऐसी ही दूरदृष्टि है?
प्रिंसटन विश्वविद्यालय में छात्रों से रूबरू होते हुए गांधी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच गहरा तालमेल है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में दो तरह का प्रवास हो रहा है - पहला पूरी तरह स्वतंत्र है और दूसरा पूर्णत: नियंत्रित। प्रशासन का ताना बाना इससे अलग-अलग तरीके से निपटता है।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो बड़े देश हैं जो खेती करने वाले देशों से आधुनिक शहरी मॉडल देश बन रहे हैं और यह विश्व जनसंख्या का बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'कैसे ये दोनों देश मूल रूप से दुनिया को नया आकार देने जा रहे हैं। मुझे यह नहीं कहना कि चीन लोकतांत्रिक है या नहीं। उन्होंने अपना रास्ता चुना है और हमने अपना रास्ता चुना है।'
राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों के बीच सहयोग और प्रतिस्पर्धा है। हमें यह देखना है कि कैसे हम रोजगार लाएं। असल में हमें चीन से मुकाबला करना है। उन्होंने कहा कि भारत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) परियोजना के जरिए अपना रास्ता बना रहा है। चीन की दुनिया की तरफ एक खास दूरदृष्टि है। यह बहुत स्पष्ट है। उनके नजरिए से यह बहुत शक्तिशाली दूरदृष्टि है।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'क्या भारत के पास भी ऐसी ही दूरदृष्टि है? वह दूरदृष्टि कैसी है? हमारे और उनके बीच कितना सहयोग होने जा रहा है? ये कुछ मूल सवाल हैं? लेकिन जिस बात का पता होना चाहिए वह है कि चीन असीम शक्ति के साथ आगे बढ़ रहा है और हमें इसके साथ काम करना है।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि रोजगार उत्पन्न करने और शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिका और भारत के बीच सहयोग के लिए बहुत संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि दोनों देशों के बीच गहरा तालमेल है। ऐतिहासिक रूप से भारत ने संबंधों में संतुलन बनाए रखा है। भारत के चीन और रूस से भी संबंध रहे हैं। उसके अमेरिका और दोनों देशों से संबंध रहे हैं। मेरे लिए अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध महत्वपूर्ण है।' (भाषा)