गिलगित-बाल्टिस्तान के स्कार्दू इलाके में पाकिस्तान के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। एएनआई के ट्वीट अनुसार पाकिस्तान के अवैध कब्जे के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच एक प्रदर्शनकारी अमजद ने कहा, 'गिलगित-बाल्टिस्तान की हर जमीन के मालिक क्षेत्रीय लोग हैं, कोई माई का लाल ये मालकियत हमसे नहीं छीन सकता।'
गौरतलब है कि भारत ने कई बार कहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है और उसे खाली करना ही होगा।
बकौल हुसैन, 'मियां साहब (पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ) आपको हमारे साथ इंसानों जैसा व्यवहार करना ही पड़ेगा। दूसरी महत्वपूर्ण बात कि कोई भी हमारी भूमि हमसे छीन नहीं सकता है। हम गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग अपनी जमीनों का अधिकार रखते हैं और उन्हें सरकारी परियोजनाओं के लिए ऐसे ही सौंपा नहीं जा सकता है जैसा कि अभी हो रहा है।' हुसैन के अनुसार, पाकिस्तान उन्हें आत्म-निर्भर नहीं बनने देना चाहता, इसलिए वहां के लोग उनकी भूमि व संसाधनों को लूटना चाहते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले गिलगिल-बाल्टिस्तान के लोग चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीइसी) को लेकर भी अपनी चिंता व आपत्ति जता चुके हैं। कुछ लोग इस प्रोजेक्ट के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण को लेकर पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी शिकायत कर चुके हैं। भारत भी इस प्रोजेक्ट को लेकर अपनी आपत्ति जता चुका है और विरोध के तौर पर हाल ही में चीन द्वारा आयोजित ओबीओआर सम्मेलन का बहिष्कार किया था।
पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवां प्रांत घोषित किए जाने के ऐलान के बाद से ही गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
मार्च महीने में ब्रिटेन की संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवां प्रांत घोषित करने के पाकिस्तान सरकार के कदम की निंदा की थी। ब्रिटिश सांसदों ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पास किया, जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान को जम्मू-कश्मीर का वैध एवं संवैधानिक हिस्सा बताया जिस पर पाकिस्तान ने 1947 से गैरकानूनी तौर पर कब्जा कर रखा है।