Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कैसे एक्‍स पर एक मैसेज से पीएम मोदी ने कनाडा को दिखाई सख्‍ती, ट्रूडो को अच्छे से समझा दिया?

हमें फॉलो करें कैसे एक्‍स पर एक मैसेज से पीएम मोदी ने कनाडा को दिखाई सख्‍ती, ट्रूडो को अच्छे से समझा दिया?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 5 नवंबर 2024 (17:44 IST)
भारत और कनाडा के बीच पिछले कई दिनों से तनातनी चली आ रही है। हाल ही में कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमला और हिंदुओं के साथ मारपीट में दोनों देशों के रिश्‍तों में आग में घी का काम किया है। दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है।
लेकिन अब कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त रुख दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी।

क्‍या कहा पीएम मोदी ने : रविवार को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। कनाडा में खालिस्तान समर्थक लंबे समय से हिंसक घटनाओं में शामिल हैं। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार उनकी हरकतों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हुई है।

बता दें कि भारत-कनाडा संबंधों में आई गिरावट के बाद मोदी का ये पहला बयान है, क्योंकि उत्तरी अमेरिकी देश ने खालिस्तानी अलगाववादियों को कथित समर्थन दिया है और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है। निज्जर एक कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी अलगाववादी था, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया था।

उन्होंने कहा कि ये कड़ा बयान इस बात का उदाहरण है कि मोदी दुनिया भर में भारतीयों के लिए खड़े हैं। खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों ने ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में लोगों के साथ झड़प की, जिसकी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की और कहा कि हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।
Edited by Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी अनुमति