थिंपू। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 दिन की भूटान यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पड़ोसी कौन नहीं चाहेगा जहां विकास आंकड़ों से नहीं बल्कि हैप्पीनेस से आंका जाता हो। मोदी ने इस दौरान हाइड्रो पॉवर और शिक्षा सहित पांच क्षेत्रों से जुड़े एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग ने मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और भूटान भले ही साइज के मामले में अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों के विश्वास, मूल्य और प्रेरणा एक जैसे हैं। दोनों ही देश मित्रता की सच्ची परिभाषा पर खरे उतर रहे हैं। भूटान के पीएम ने कहा कि मुझे याद है पीएम मोदी जब 2014 में भूटान की पहली यात्रा पर आए थे तब उन्होंने कहा था कि भूटान और भारत सिर्फ सीमा के कारण करीब नहीं है, बल्कि हमने दिल एक-दूसरे के लिए खोले हैं।
भूटान को निरंतर सहयोग : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान में विकास कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत वहां की पंचवर्षीय योजनाओं में निरंतर सहयोग करता रहेगा। मोदी ने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों के दिलों में भूटान एक विशेष स्थान रखता है। यह भारत का सौभाग्य है कि हम भूटान के विकास में प्रमुख भागीदार हैं।
पनबिजली परियोजना का उद्घाटन : मोदी ने शेरिंग के साथ मिलकर 7200 मेगावाट की मेंगदेछू पनबिजली परियोजना का भी उद्घाटन किया। दोनों नेताओं ने भारत के नेशनल नॉलेज नेटवर्क और भूटान के ड्रक रिसर्च और एज्युकेशन नेटवर्क के बीच संपर्क कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया। मोदी ने इस अवसर पर भारत के रूपे कार्ड को भी लांच किया। सिंगापुर के बाद भूटान दूसरा देश है जहां रूपे कार्ड लांच किया गया है।